Tuesday, July 9

Art Vibration - 671

 

Kalki 2898 AD is a new chapter for  Indian mythology from Visual art ..

Friends this week I watched  a new cine art presentation of INDIAN cinema / Hindi cinema / Bollywood cinema . 

Poster Image From Google Image so thanks to Team of Google Image ..


We know art have a duty of  refreshment of mind in any how condition of our social life. So our world arts are continue busy in this very important or responsible duty for our social life . I can say it, because I am art master in visual art  or  you know I am living busy in art 24 hours . that’s live example is this art vibration blog or its art posts too. So thanks to you because it is for  you .  

Mostly art is create refreshment of mind  but in some regions art create sense of  humor and educational task  for our better social life.

Its example I have noticed in art presentation of Hindi cinema  Film KALKI 2898 AD . The Director Sir Nag Ashvin  has been created a visual story book of future of INDIAN mythology with Sound of GOD KALKI AVTAR . it is amazing imagination of him .

KALKI is a name of Future God, that is second form of  god VISHNU or KALAKI Avatar  is number 10 AVATAR of GOD VISHNU . The INDIAN mythology have explained it in our old GRANTHAS , like VEDAS, MAHABHARTA or GEETA .

The Next god of Hindu Mythology is god KALKI . it is fact , or we all Hindus are in wait of our God Kalki on our land of Hindustan  for natural betterment . just like SATYUG or DWAPAR OR TREITA YUG.

This God Kalki is coming in imagination of Art Director Sir Nag Ashvin , He was imagine to time of god Kalki in future  or in his visual creation/ film KALKI 2898 AD he was explorer to his complete imagination on big screen for art viewers . really his imagination is surprising to all viewers of KALKI 2898AD.

As a art master of visual art or as a art critic  I were visited this art film KALKI 2898 AD in cinema hall of Bikaner , CINEMAGIC Bikaner. after buy one ticket , or I observed how to art director Sir Nag Ashvin imagine to KALYUG the time of future or that’s critical condition or location too.  

He used to digital art for visuals , he used to great senior actors Dr. Amitabh Bachchan and Sir  Kamal Hassan for strong and mature  character of film KALKI 2898 AD. 


After visit to this great history writer film , I wrote a note on it ,  in Hindi as a critic note . here I want to share that’s copy for your reading , I sure you will read it properly after translate by google translate page.

My hindi note is this .. 

मित्रों आज इस पोस्ट को लिखते हुए मानो  ऐसा महसूस हो रहा है जैसे की मैं  स्कूल का होम वर्क कर रहा हूँ ! और मुझे ये होमवर्क देने वाले है मेरे देश के दो महान दृश्य कला के अध्यापक और पदमश्री के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता   डॉ. अमिताभ बच्चन जी और श्री कमल हासन  जी !
आज व्यस्तताओं के मध्य समय निकला या यूँ कहूं की आचार्य  विभूतियों की अभिव्यक्ति से कुछ अर्जित करने के उदेश्य और मानसिक दबाव से मुक्ति पाने को भी ये अवसर बनाया एक विद्यार्थी की तरह की किसी भी प्रकार से आज कल्कि  2898 ऐ ड़ी चलचित्र ( हिंदी फिल्म ) को देख लूँ ! समय ने आज तय कर रखा था सो समय पर मैं  पहुंच गया सिनेमेजिक सिनेमा हॉल बीकानेर में   ! शायद  हिंदुस्तानी और पा हिंदी सिनेमा के बाद एक लम्बे समय अंतराल के बाद  आज आखिरकार कल्कि 2898 ऐ डी  फिल्म को देख ही लिया ! टिकट विंडो पर  मोबाइल पर ही टिकट दिया जा रहा था ! पर मुझे टिकिट की हार्ड कॉपी की जरूररत थी सो मैंने विंडो पर बैठे व्यक्ति से कहा की मुझे टिकिट की हार्ड कॉपी असली टिकट  दीजिये डिजिटल वाला नहीं  ! उसने कहा मोबाइल पर लेलो मैंने कहा मेरा मोबाइल बंद है सो हार्ड कॉपी दो ताकि लगे फिल्म देखने आये है ! भाईसाब ने रुकने को कहा तो मैंने भी कहा की आप जो टिकट देंगे मुझे उसे डॉ. अमिताभ बच्चन जी और सर कमल हासन जी के साथ साझा करना है और डॉक्यूमेंटशन भी करना है ! तो उन्होंने अपनी शीट से उठकर ऑफिस में जाकर टिकट का प्रिंट A4 पेज पर आगे और पीछे का निकाल कर दिया टिकट देने सिनेमेजिक हाल के मैनेजर साब स्वयं आये सो उन्हें साधुवाद मुझे टिकट ( सर अमिताभ बच्चन जी की भाषा में कहूं तो टिकस ) की हार्ड कॉपी उपलब्ध  करवाने बाबत ! टिकट विंडो पर ये टिकट की हार्ड कॉपी की बात भी कोतुहल का विषय बनी अन्य दर्शकों के लिए ! हॉल के भीतर AC से ठंडक होने से पहले वही टिकट हवा खाने के काम भी आया !  
फिल्म के नाम से ही स्पष्ट है की भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि अवतार के विषय पर आधारित ये फिल्म है ! महाभारत के तथ्यों के आधार पर डॉ. अमिताब बच्चन जी ने अश्व्थामा की भूमिका को जिवंत कर दिया अपने दमदार अभिनय से ! आचार्य पुत्र के संवाद का  मेरे   कानो में पड़ते ही मैं टीवी धारावाहिक महाभारत की स्मृतियों और उसके दृश्यों में खो गया !  महाभारत के अन्य किरदारों को कल्कि फिल्म के परदे पर खोजने और समझने लगा ! इंटरवेल के बाद प्रभाष का किरदार महारथी  कर्ण के रूप में समझ आया तो एक बालक का किरदार मुझे कृष्ण का आभास करवा गया !
फिल्म में जैसे जैसे स्टोरी आगे बढ़ती है और जिन जिन किरदारों का रोल समाप्त होता है उन्हें  उनके किरदार से मृत्यु या मुक्ति दी गयी है ! भविष्य या कहूं घोर कलयुग की परिकल्पना को मैट्रिक्स फॉर्मेट में बखूब चित्रित  किया है डिजिटल आर्ट से ! स्क्रीन पर दृश्यों में भव्यता बिग स्क्रीन का आनन्द दुगना  कर रही थी ! संगीत और संवाद की किंचित कमी रही लेकिन काल्पनिक कलयुग की परिकल्पना और उसमे अतीत और नूतन परिदृश्यों का समिश्रण प्रयोग स्टारट्रैक सीरीज की याद भी  दिल गाया !
सर कमल हासन जी ने नकारात्मक रोल करते हुए भी  सकारात्मक चिंतन   दर्शक के सामने रखा है ये दर्शाते हुए की   कलयुग में मानवीय अभिलाषाओं की भूख इनती प्रचंड होगी की वे इस्वर के जन्म से पूर्व ही   उसकी सत्ता शक्ति सिद्धि को हथियालेने का प्रयास  कर गुजरेंगे   ! जैसे की फिल्म में   दिखाया  गया है ! इस्वर  के एक अंश  ताकत को फिल्म कल्कि में कमल हासन जी ने स्वयं अभिनय के  माध्यम से दर्शाया है ! अर्जुन के गांडीव धनुष को धरना करते हुए ! पुनः चिरायु होते हुए !
मैंने कई बार डॉ  अमिताभ बच्चन जी  से उनके ब्लॉग पर  और सोशल मीडिया पर कई गणमान्य व्यक्तियों  के साथ ये विचार साझा  किया है की अभी तक मानवीय शक्तियों की खोज  हुई  है ईश्वरीय शक्ति की खोज होना अभी  बाकी है ! कल्कि 2898 ऐ डी फिल्म में उसी ईश्वरीय शक्ति की  खोज की विचारणा को दर्शाया गया है ! महाभारत के पौराणिक तथ्यों  और शानदार अभिनय  डॉ अमिताभ बच्चन जी , सर कमल हासन जी , सर प्रभाष और माँ' दीपिका पादुकोन के साथ कल्कि की पूरी  अभिनेता टीम ने !
फिल्म  निर्देशक  सर नाग आश्विन जी ने फिल्म में कल्कि अवतार के दृश्य को नहीं फिल्माया है ! सो मुझे आभास हुआ की ये फिल्म भी कल्कि फिल्म  न होकर कल्कि अध्याय एक और उसके बाद अध्याय दो और असंख्य अध्याय तक जाने की क्षमता वाला कांसेप्ट है !  जिसमे अनेकों परिकल्पनाएं ईश्वर  की और ईश्वर  की शक्तियों की खोज तक जाने के प्रयास में की जा सकती है ! जैसा की फिल्म  में दर्शाया गया है की अनेकों  महिलाओं के जरिये इस्वर को कृतिम रूप से पैदा करने का प्रयोग जो विफल भी होता दर्शाया है ईस्वरीय शक्ति के आगे !  वंदन फिल्म कल्कि 2898 ऐ डी  के निर्माता सर  नाग आश्विन जी को भी !
यहाँ एक फोटो मेरे फिल्म टिकट कल्कि 2898  ऐ डी का और एक फिल्म पोस्टर गूगल से साभार ज्ञापित  करते हुए, पोस्ट की सुंदरता और सत्यापन के लिए !



When I were  watching this KALKI 2898 AD I were  thought the Team of Film KALKI 2898 AD has been added  a new chapter in our INDIAN Mythology for our next generation of Hindu community  . so a great thanks to Director of Sir Nag Ashvin the Director of film KALKI 2898 AD . This film is living impression on viewers , so in a 10 days it has been done 800 Caror rupees business , It mean this KALKI 2898 AD art concept is giving a new lesion to Indian peoples by a new chapter of INDIAN Mythology the  KALKI 2898AD .

So here I write about it Kalki 2898 AD is a new chapter for  Indian mythology from Visual art ..

 Yogendra  kumar purohit

Master of Fine Art

 Bikaner, INDIA


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