Dhora
International Art Society Bikaner And Myself …
Friends art need dedication
commitment and patience , This kind of nature of a artist is create a complete art environment for our
society in any how conditions. Its live example is Dhora International art
society Bikaner , The Dhora
International art society was founded in
covid time from my Junior art master or national awarded Artist Manish Sharma
Bikaner & Jaipur . at present he is
secretary of Dhora International art society Bikaner.

when this Dhora
international art society was founded. That
time I was in critical condition. Actually I was faced to fracture in my left
leg .or my smart phone was not working
after got a damaged on phone screen , so I could not communicated very well with
founder of Dhora international art society
In that critical covid time .

















I know this Dhora International art society
has been done many national or international art activities and art events in
different cities of Rajasthan or INDIA very well . last month this Dhora
international art society was came to Bikaner or here it was organized a
national painting camp at hotel Bharat palace , I can say it was a Dhora family
artists workshop from Dhora International art society at Bikaner , so I was not participated in that art
workshop as a artist , But in this art workshop my art teacher Dr. Vidhyasagar Upadhyay and art teacher Sir
Harshiv Sharma were participated so in respect of art teacher I joined to art
workshop of Dhora international art society Bikaner as a Observer or as a art
critic.














That art workshop was
run for four days date 28 march ro 31
march 2025 with 14th artists . so I were presented all four days of
workshop as a viewer or observer . I also
wrote daily note for Dhora national painting camp and shared on all hindi note
on my social media pages ( facebook, instagram and whatsapp ) . I wrote that
note in hindi or I shared that with some images of that live painting workshops
or that’s live art activities and art discuss .
Here I am going to share that all four hindi notes for your notice and reading with my photography work ,
I done it at Dhora Art workshop 2025
Bikaner .
Day -1
मित्रों समय को ईश्वर संचालित करता है और ईश्वर की श्रष्टि को गुरु ! जीवन में गुरु के बिना व्यक्ति की गति और मुक्ति संभव नहीं ! और कबीर ने तो गुरु के लिए अपने पद में भी कहा था की -
" गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागूं पांव !
बलिहारी गुरु आप ने जो गोविन्द दियो मिलाय !
मेरे जीवन में मेरी कला ही मेरे गोविन्द है और गुरु मेरे कला शिक्षक ! आज समय की रचना में ऐसा संयोग बैठा की जिसमे मुझे मेरी इस कला यात्रा के प्रथम गुरु और कला शिक्षा के अंतिम गुरु एक ही मंच पर मेरे ही शहर में मुझे मिले ! ये गुरु कृपा ही कहूंगा मैं मेरे लिए !
कला शिक्षा की मेरी इस कला यात्रा ( कक्षा 6 बी के स्कूल बीकानेर ) के प्रथम गुरु श्री भूरमल जी सोनी ( रिटायर्डन कला शिक्षक तृतीय श्रेणी ) जिन्होंने मुझे कलाकार होने के सही अर्थ से वाकिफ करवाया मेरी प्रारंभिक कला अवस्था में !
तो डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ( वरिष्ठ चित्रकार / इंटरनेशनल रंग मल्हार वनडे पेंटिंग वर्कशॉप कांसेप्ट डिज़ाइनर और पूर्व विभागाध्यक्ष पेंटिंग विभाग राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट, जयपुर ) आप के मार्ग दर्शन में मैंने मेरी कला डिग्री बी एफ ऐ और एम एफ ऐ पेंटिंग( बी एफ ऐ 1914 से 1999 और एम एफ ऐ 2004 से 2006 ) में की और तब से लेकर आज तक मेरी ये कला यात्रा निरंतर अनवरत जारी है एक स्वतंत्र कलाकार के रूप में ! ये संभव हुआ आप दोनों की प्रेरणा और प्रोत्साहन से सो आप दोनों गुरु जन को साधुवाद साथ में दंडवत प्रणाम भी मुझे कला की यात्रा से जोड़ने के इस रचनात्मक उपक्रम के लिए !
आप दोनों का एक ही जगह पर मेरे लिए उपस्थित होने की उस घडी को रचा गया धोरा इंटरनेशनल आर्ट सोसाइटी , बीकानेर और डिपार्टमेंट ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर , गोवेर्मेनेट ऑफ़ राजस्थान के जरिये बीकानेर की होटल भारत पैलेस में ! आगामी तीन दिनों तक होटल भारत पैलेस के परिसर में पेंटिंग कला शिविर चलेगा जिसे ये दोनों संस्थाएं संचालित करेगी ! आज प्रथम दिन कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ जिसकी अध्यक्षता की डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी ने तो उनके साथ मंच पर आसीन रहे वरिष्ठ चित्रकार श्री महावीर स्वामी जी , वरिष्ठ चित्रकार श्री हरशिव शर्मा जी ( आप भी मेरे कला गुरु रहे है राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट में और आप में मुझे मास्टर के दौरान टाइटल दिया था "मेजर "...सो एक आर्मी सल्यूट आप को सर बीकानेर के इस आर्ट मेजर का ) !
मंच पर धोरा आर्ट सोसाइटी की अध्यक्ष भारती जी भी उपस्थित रही तो भोज प्रन्यास के संयोजक और रंग मल्हार को बीकानेर में संयोजित करने वाले श्री मनोज सोलंकी जी भी ! स्वागत उद्बोधन दिया राजस्थान ललित कला अकादेमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने तो धोरा आर्ट सोसाइटी के सचिव मनीष शर्मा ने धोरा आर्ट सोसाइटी के सन्दर्भ जानकारी देते हुए आगामी तीन दिन तक चलने वाले कला शिवर के विषय में जानकारी दी मंच से ! फिर सभी प्रतिभागी कलाकारों को सम्मान करते हुए उन्हें आर्ट किट भेंट की गयी ! जिसका उपयोग वे कार्यशाला में चित्र बनाते हुए उपयोग में लेंगे !
वरिष्ठ कलाकार और पूर्व प्रदर्शनी संयोजक राजस्थान ललित कला अकादेमी श्री विनय शर्मा जयपुर ने कार्यशाला के उदेश्य को सामने रखते हुए ये कहा की चित्र बनाना इस कार्यशाला का उदेश्य नहीं बल्कि कला के वातावरण को रचना हमारा मुख्य विचार है !
इस कार्यशाला में डॉ. विद्यासागर उपाध्याय , श्री महावीर स्वामी , श्री हरशिव शर्मा , श्री विनय शर्मा , मास्टर मनीष शर्मा , डॉ. रजनीश हर्ष , डॉ. मोहन लाल चौधरी , मास्टर पवन कुमार शर्मा , मास्टर गौरीशंकर सोनी, मास्टर सुनील रंगा , मास्टर कमल किशोर जोशी आदि के साथ एक दो कलाकार कल इस कला शिविर में शामिल होंगे !
उद्घाटन सत्र में पहले मंच का सम्मान किया गया फिर दीप प्रज्वलित करते हुए एक एक कर के सभी मंचासीन वरिष्ठ कलाकारों ने अपने विचार साझा किये ! जिसमे श्री हरशिव शर्मा जी ने चित्र रचने की प्रक्रिया को समझने और समझाने का उपक्रम कहा इस कार्यशाला को ! तो चित्रकार महावीर स्वामी जी आगामी तीन दिनों तक एक साथ रहकर कलाकर्म और कला चर्चा को करने की बात कही ! मास्टर मनोज सोलंकी ने इस प्रकार की गति विधि से युवाओं में कला के प्रति जागरूकता और रूचि बनने की बात कही ! अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी ने आये हुए सभी युवा कलाकारों को इस कार्य शाला में सार्थक कला संवाद स्थापित करने की बात कही ! आप ने एक कला शिक्षक के रूप में ही अपनी बात को रखते हुए कहा की बिना संवाद कला में विकास संभव नहीं तो कल से कार्यशाला में सार्थक कला संवाद ही करेंगे ! जिनकी जिज्ञासाएं है कला को लेकर वे शांत भी करने की कोशिश रहेगी कला कर्म के साथ साथ ! आभार ज्ञापित किया डोरा आर्ट सोसाइटी की अध्यक्ष मेडम भारती जी ने !
यहाँ कुछ छाया चित्र मेरे कैमरा की नजर से आप के अवलोकन हेतु कला शिविर के प्रथम दिन के उद्घाटन सत्र के आप के अवलोकन हेतु !






Day -2
मित्रों सेड ऑफ़ डेजर्ट राष्ट्रीय चित्रकला शिविर 2025 बीकानेर , जिसे आयोजित कर रही है धोरा इंटरनेशनल आर्ट सोसाइटी बीकानेर और डिपार्टमेंट ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी ऑफ़ राजस्थान सरकार बीकानेर के होटल भारत पैलेस बीकानेर में ! आज चित्र कार्यशाला के दूसरे दिन सभी प्रतिभागी चित्रकारों ने अपनी कला कृति की रचना क्रिया को आरम्भ करते हुए अपने अपने कैनवास पर चित्र रचना आरम्भ किया ! जिसे मैंने एक कला विधार्थी की भांति ही अवलोकित किया !
साथ ही कला शिविर में भाग लेने वाले चित्रकारों के समक्ष मेरी जिज्ञासा भी रखी उनके चित्र रचाव के सन्दर्भ में ! तो पहले पहल कला चर्चा रही मास्टर पवन कुमार शर्मा बीकानेर से , मास्टर पवन ने अपने चित्र के सन्दर्भ में बताया की काफी लम्बे समय के बाद बीकानेर में चित्र रचने का अवसर मिला है तो मैं खुद को इस बीकानेर में एक अलग अनुभव के साथ अनुभूत कर रहा हूँ और उसी स्टोरी को चित्रित करने का प्रयास कर रहा हूँ जो चित्र में लेयर दर लेयर उभरेगा आगामी दो दिनों में !
तो वरिष्ठ चित्रकार जयपुर श्री विनय शर्मा जी से उनके चित्र के विषय में जाना तो आप ने बताया की हिस्टोरिकल वैदिक पंचाग और आज के वर्तमान के कैलेंडर के बिच जो समय अंतराल बना है उसे अतीत के प्रिंटेड पंचांग और वर्तमान में मेरी स्वयं की केलीग्राफी ( हैंड राइटिंग ) के जरिये चित्र में दिखाने का मेरा उदेश्य है ! उन दोनों समय को जोड़ने के उपक्रम में !
दिल्ली से पधारे वरिष्ठ चित्रकार श्री अजय समीर जी के चित्र में यथार्थ के साथ समकालीन कला के समिश्रण को देखने का अवसर मिला आप मानव मुख कृति और प्रकृति के परिंदों के चित्रण से अपने सृजन को इस कार्यशाला में आगामी दो दिनों में प्रदर्शित करेंगे आप आज ही दिल्ली से बीकानेर पधारे और इस सेड ऑफ़ डेजर्ट चित्र कार्यशाला से जुड़ने को !
मास्टर सुनीलदत्त रंगा ने अपने कैनवास पर श्रीनाथ जी की छवि को उकेरा है !
तो डॉ. मोना सरदार डूडी ने अपनी विशेष शैली से कुरेचन पद्धति से कैनवास पर बाबा ( साधु ) मण्डली को उकेरा है श्याम वर्ण में !
धोरा आर्ट सोसाइटी की अध्यक्ष मेडम भारती जी ने भी अनंत के भाव को रंगों से कैनवास पर उकेरा है !
तो मास्टर गौरीशंकर सोनी ने ह्यूमन फिगर के साथ अपनी विशेष शैली से कैनवास पर अपनी बात साझा करने का प्रयास किया है !
राजस्थान ललित कला अकादेमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष ने टेक्सचर के माध्यम से कैनवास को रंगा है जिसे आगामी दो दिनों में पूर्णता देकर वे अपने चित्र को पूरा करेंगे !
वरिष्ठ चित्रकार श्री हरशिव शर्मा जी जयपुर ने भी अपने चित्र में प्रकृति तत्व का समावेश करते हुए अपने कैनवास को चित्रित किया है जिस पर कला कर्म अभी जारी जारी है !
वरिष्ठ चित्रकार महावीर स्वामी जी बीकानेर , आप ने राजस्थानी ड्राय वेजिटेबल कला श्रृंखला के तहत राजस्थानी ड्राय वेजिटेबल फोफलिया को अपने चित्र का विषय बनाया साथ में आप ने उस ड्राय वेजिटेबल फोफलिया का ओरिजिनल मॉडल भी स्टिल लाइफ के रूप मे कार्यशाला में रखा दर्शकों को अवगत करवाने हेतु की राजस्थान का ड्राय वेजिटेबल फोफलिया होता क्या है और कैसे दीखता है !
सेड ऑफ़ डेजर्ट कला शिविर के मुख्य और वरिष्ठतम चित्रकार मेरे आदरणीय गुरु डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी ने भी अपने मन के भावों को कैनवास पर उकेरा है जो अभी अगले दो दिन की कार्यशाला में आप स्वयं द्वारा चित्रण करते हुए चित्र को पूर्णता प्रदान करेंगे ! आप ने चित्र रचना के साथ साथ कार्यशाला में आये हुए दर्शकों, कला विद्यार्थियों के साथ कला चर्चा करते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया साथ ही कला विद्यार्थियों को मार्ग दर्शन भी दिया !
आज के दूसरे दिन के चित्रण कार्य से पूर्व एक मीडिया मीट भी आप ने ली और इलेक्ट्रिक और प्रिंट मीडिया को सेड ऑफ़ डेजर्ट कार्यशाला के साथ धोरा इंटरनेशनल आर्ट सोसिएटी के कला उदेश्य को साझा किया , शिविर संयोजक और धोरा आर्ट सोसाइटी के सचिव मास्टर मनीष शर्मा ने आये हुए सभी अतिथि कलाकारों की जानकारी के साथ उनके कला कर्म के सन्दर्भ में मीडिया मीट में सभी के साथ साझा किया !
सेड ऑफ़ डेजर्ट के आज की इस दूसरे दिन की कला गतिविधि को देखने जो जो कलाकार और कला दर्शक आये उनमे डॉ.नगेंद्र किराडू जी , मास्टर राम कुमार भादाणी , मास्टर मुकेश स्वामी , कला शिक्षक देवीलाल खारवाल मास्टर एस के हटिला , मास्टर महेश पुरोहित के साथ बीकानेर पश्चिम विधान सभा के विधायक श्री जेठानन्द जी व्यास साब के बड़े भाई श्री व्यास जी ने भी सेड ऑफ़ डेजर्ट चित्र कार्यशाला का अवलोकन किया !
सेड ऑफ़ डेजर्ट कार्यशाला में मुझे भी एक स्केच बुक और पेंसिल टेबल पर दिखी तो कुछ रेपिड स्केच का अभ्यास मैंने भी किया समय का सदुपयोग करते हुए ! मेरे राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट कॉलेज के कला शिक्षक श्री हरशिव शर्मा जी के पास वाली कुर्सी पर बैठकर और उस पल मुझे अनुभूति ये हो रही थी की मैं राजस्थान स्कूल ऑफ़ आर्ट की ही किसी क्लास में हूँ ! अतीत की याद को ताजा करने को मैंने कला शिक्षक श्री हरशिव सर के आगे स्केच बुक की ये कहते हुए की सर मेरे आज के स्केच चेक करिये सर , मेरी उस बात से हरशिव सर भी फ़्लैश बैक में गए और फिर एक दम से बोले अरे अब मैं रिटायर्ड हो गया हूँ और स्केच चेक नहीं करता फिर आप हसने लगे , आप की मुस्कराहट से जो आत्मिक प्रेम भाव वही कॉलेज वाला भाव मुझे आप से मिला सो शुक्रिया आप के आत्मिक प्रेम के लिए हरसिव सर ! तो कुछ कला विद्यार्थी भी उनके लाइव स्केच बनने पर मुस्कुराये वो मेरी आज की कला की कमाई रही सेड ऑफ़ डेजर्ट कार्यशाला में जाने के बाद !
दूसरे दिन की कार्यशाला के चित्रण कार्य के उपरांत संध्या के समय सभी अतिथि कलाकारों ने आउटिंग में बीकानेर के बजरंग धोरा हनुमान मंदिर के दर्शन लाभ लिए फिर रात्रि भोज "राजस्थानी खाना" वो भी घर का देशी शैली में मास्टर बलवीर गोदारा की और से ( सेड ऑफ़ डेजर्ट कार्यशाला के पार्टनर ) की तरफ से उनके घर पर लिया ! जिसमे राजस्थानी बाटी चूरमा ,दाल, हलवा, बाजरे की रोटी, खाखडिये की सब्जी, काचर की चटनी के साथ ठंडी राब और राम कटोरी बाजोट पर थाल में परोसी गयी ,ठेठ राजस्थानी शैली में और जिस प्रकार से मास्टर बलवीर ने जिमाया वो राजस्थानी और बीकानेरी खातिरदारी की मिशाल ही रही ! सो साधुवाद के साथ लख दादा मास्टर बलवीर को !
यहाँ कुछ छाया चित्र मेरे कैमेरा की नजर से आप के अवलोकन हेतु आज के सेड ऑफ़ आर्ट वर्कशॉप से !














Day -3

मित्रों बीकानेर में आयोजित हो रहे धोरा इंटरनेशनल आर्ट सोसाइटी बीकानेर और डिपार्टमेंट ऑफ़ आर्ट एण्ड कल्चर सोसाइटी ऑफ़ राजस्थान के तत्वावधान में चल रहे सेड ऑफ़ डेजर्ट राष्ट्रीय चित्रकला शिविर में आज तीसरे दिन भी सभी कलाकारों ने अपनी अपनी कलाकृति को रचते हुए उसे पूर्णता प्रदान करते हुए कला संवाद भी स्थापित किया !
जिसमे बीकानेर के समाज सेवी श्री जे पी व्यास जी से बीकानेर में कला दीर्घा के विषय पर महत्वपूर्ण बात हुई और आगामि दिनों में बीकानेर के कलाकारों को कला दीर्घा मिलने का अस्वासन भी श्री जे पी व्यास जी ने दिया !
भारतीय शास्त्रीय संगीत के डॉ. दामोदर तँवर बीकानेर , आप ने आज प्रथम बार रंग मल्हार एक दिवसीय कला शिविर के कॉन्सेप्ट डिज़ाइनर डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी से साक्षात किया और आप ने अपने भीतर चित्रकला में अभिरुचि जाग्रत होने की प्रेरणा स्त्रोत रंग मल्हार चित्र कार्यशाला को ही माना ये बात डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी से साझा करते हुए लम्बी कला और संगीत की चर्चा भी की !
चित्रकला के विद्यार्थियों ने मास्टर कमल किशोर जोशी की यथार्थ शैली में बन रही कला कृति गणगौर को लाइव बनते हुए देखा यथार्थ कला का डेमोस्ट्रेशन देखा और मास्टर कमल किशोर जोशी से कला अभ्यास करने के विषय पर चर्चा भी की !
महाराजा श्री डूंगर महाविद्यालय के ड्राइंग एण्ड पेंटिंग डिपार्टमेंट के विभाग अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र शर्मा जी ने भी डॉ. विद्यासागर उपाध्याय और वरिष्ठ चित्रकार श्री हरशिव शर्मा जी से भेंट करते हुए बीकानेर के कला जगत के साथ कला शिक्षा के विषय पर बात की ! आपने भी अपने कला जीवन में कलाकार बन ने की प्रथम कड़ी के प्रेरक डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी को मानते हुए ये बात सभी के साथ साझा की !
मास्टर महेश पुरोहित ने भी बी एफ ऐ पेटिंग के बाद समय अंतराल आ जाने के बाद फिर से कला यात्रा या कला अभ्यास करने के लिए डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी से सार्थक चर्चा करते हुए मार्गदर्शन प्राप्त किया उम्मीद है मास्टर महेश पुरोहित कल से अपनी कला यात्रा को पुनः आरम्भ करते हुए कला यात्रा को पूर्णता की और ले जाने के लिए स्वयं से प्रयास रत हो जाएंगे !
वरिष्ठ चित्रकार एस के हटिला जी ने भी कार्यशाला में बने सभी चित्रों के बारे में मुझसे बात करते हुए अपनी शंकाएं शांत करने की कोशिश की जिसमे मैंने उन्हें मदद करने का प्रयास किया ! तो उन्हें सुझाव भी दिया की आप सीधे करती बनाने वाले कलाकारों से भी पूछे संकोच न करे !
डॉ. सतीश गुप्ता ( व्याख्याता चित्रकला ) कला समीक्षक जनाब इसरार हसन कादरी साहब , सोसल वर्कर मास्टर सुनीलम पुरोहित आदि के अतिरिक्त अन्य कला विद्यार्थियों और कला रसिकों ने कार्यशाला का अवलोकन किया और कलाकारों के साथ संवाद स्थपित करते हुए इस सेड ऑफ़ डेजर्ट कार्यशाला के उदेश्य को पूर्णता प्रदान की !
कल इस कार्यशाला का क्लोजिंग सेरेमनी सभी कलाकारों के चित्रों की प्रदर्शनी के साथ होगा ! ऐसा धोरा आर्ट सोसाइटी के अध्यक्ष मेडम भारती जी ने बताया जिसे आयोजित किया जाएगा होटल भारत पैलेस बीकानेर के प्रांगण में !
कार्यशाला के तीसरे दिन का संध्या का समय सभी कलाकारों ने राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में शामिल होकर बिताया जो आयोजित हुआ था बीकानेर के रविंद्र रंग मंच में ! आयोजित किया था पर्यटन विभाग बीकानेर और जिला प्रसाशन बीकानेर ने !
सांस्कृतिक प्रस्तुति में काव्य प्रस्तुति रही गीतकार श्री राजेंद्र स्वर्णकार जी की आप ने स्वयं के रचित गीत और तरनुम में अपने कलम को पढ़ा तो उनके बाद कवि श्री रवि शुक्ल , कवि संजय आचार्य वरुण और कवित्री मोनिका गौड़ जी ने अपनी काव्य प्रस्तुति राजस्थान स्थापना दिवस के विषय पर पढ़ी ! मंच सञ्चालन किया साहित्यकार श्री संजय पुरोहित जी ने तो सांस्कृतिक प्रस्तुति में लोक गीत प्रस्तुत किया गया पूगल के लोक कलाकारों की मण्डली के द्वारा ! राजस्थानी भवाई लोक नृत्य के बाद भरत नाट्यम की प्रस्तुति दी पद्मश्री से सम्मानित श्री गीता चंद्रन जी ने !
लोक सांस्कृतिक संध्या के बाद सेड ऑफ़ डेसर्ट कार्यशाला के सभी कलाकारों ने बीकानेर के वरिष्ठ कलाकार श्री महावीर स्वामी जी के कला स्टूडियो का अवलोकन किया साथ ही संध्या कालीन भोजन भी महावीर जी के यहीं रहा सभी कलाकारों का जिसमे राजस्थानी फ़ूड डिस फोगले का रायता और बीकानेरी भुजिया के साथ ग्वारपाठे की अचारी सब्जी, पञ्च भेळ की सब्जी (ड्राई वेजिटेबल की सब्जी) के साथ गर्म घर के बने फल्के जिमाये गए !
यहाँ सेड ऑफ़ डेजर्ट कार्यशाला के तीसरे दिन के कुछ छाया चित्र मेरे कैमरा की नजर से आप के अवलोकन हेतु !













Day - 4

मित्रों सेड ऑफ़ डेसर्ट राष्ट्रीय चित्रकला शिविर का आज का चौथा और समाहार का दिन आरम्भ हुआ सुबह 7 बजे से ! आज के सृजन कर्म से पहले सभी प्रतिभागी कलाकारों ने बीकानेर की ऐतिहासिक धरोहर रामपुरिया हवेली के अवलोकन से आरम्भ किया ! जिसमे रामपुरिया स्ट्रीट के साथ होटल भंवर निवास को देखते हुए कुछ और मुख्य हवेलियों और चौक का अवलोकन करते हुए बीकानेर के पौराणिक भांडासर जैन मंदिर का भी और उसमे बनी पारम्परिक बीकानेर की मथेरण कला के शानदार भीति चित्रों का भी अवलोकन किया ! फिर वापस कार्यस्थल यानी होटल भारत पैलेस पहुंचकर सभी कलाकारों ने अपने अपने चित्र को फाइनल टच देते हुए कार्यशाला के कार्य को सम्पन किया और होटल भारत पैलेस के सभागार में चित्र प्रदर्शनी को भी लगाया ! इस प्रदर्शनी के साथ बीकानेर जेल आर्ट एंड क्राफ्ट की कला कृतियां भी प्रदर्शित की गयी ! जिसे में से एक कृति वरिष्ठ चित्रकार श्री हरशिव शर्मा जी ने भी खरीद की तो धोरा इंटरनेशनल आर्ट सोसाइटी की अध्यक्ष मेडम भारती जी ने भी चार चित्र की खरीद करते हुए केंद्रीय कारागृह बीकानेर के इस अनूठे कला प्रयास की सार्थकता को बल दिया !
इस बिच बीकानेर के अतिरिक्त निदेशक पि आर ओ श्री हरिशंकर आचार्य जी ने भी कला शिविर का अवलोकन किया और राजस्थान ललित कला अकादेमी के सचिव डॉ. रजनीश हर्ष के साथ एक लम्बी कला चर्चा भी की !
कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया बीकानेर पश्चिम के विधायक श्रीमान जेठानन्द व्यास जी ने तो चित्र प्रदर्शनी के साथ ही सेड ऑफ़ डेजर्ट राष्ट्रीय कला शिविर का समापन प्रतिभागी सभी कलाकारों का सम्मान करते हुए किया गया जिसमे साफा , प्रतीक चिन्ह भेंट किये गए !
समापन सत्र की अध्यक्षता की वरिष्ठ चित्रकार श्री हरिगोपाल हर्ष जी ने तो अतिथि पद पर बिराजे डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी, वरिष्ठ चित्रकार श्री महावीर स्वामी जी , विधायक बीकानेर पश्चिम श्रीमान जेठानन्द व्यास , बीकानेर जेल एस पि साहिबा और भोज कला प्रन्यास के श्री मनोज सोलंकी तथा मास्टर बलवीर और प्रबंधक होटल भारत पैलेस बीकानेर !
समापन समारोह को संचालित किया चित्रकार विनय शर्मा जी ने तो संयोजित किया डॉ. रजनीश हर्ष और मास्टर मनीष शर्मा ने !
वरिष्ठ चित्रकार डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी ने मंच से बीकानेर के लिए एक कला दीर्घा की मांग को रखा अपने उद्बोधन में ! जिसे विधायक श्री जेठानन्द जी ने स्वीकारते हुए जल्द ही इस उपक्रम के लिए प्रयास करने की बात को कहा ! आश्वासन भी दिया ! चित्रकार महावीर स्वामी जी ने भी चित्रकला के लिए उचित गैलरी न होने के कारण से कलाकारों को होने वाली असुविधा के विषय में मंच से कहा !
केंद्रीय कारागृह बीकानेर एस पि साहिबा ने भी जेल में बने आर्ट एंड क्राफ्ट के विषय में जानकारी देते हुए बताया की कला के अभ्यास भर से आपराधिक प्रवृति में परिवर्तन होते देखा है हमने और उसका प्रमाण ये कला कृतियां है जिसे हमने प्रदर्शनी में रखा है और दर्शक इसे खरीद रहे है !
अध्यक्षीय उद्बोधन दिया वरिष्ठ चित्रकार श्री हरी गोपाल हर्ष जी ने आप ने कला दीर्घा के निर्माण की सम्भावना और विश्वास के लिए विधायक श्री जेठानन्द व्यास जी के व्यक्तित्व और कार्यनिष्ठा के साथ समाज हितेषी की उनकी भूमिका को अपनी बात से सब के समक्ष अतीत की सच्ची घटनाओं के उदहारण के साथ रखा !
समापन समारोह के समाहार में चित्रकार श्री विनय शर्मा जी ने धोरा इंटरनेशनल आर्ट सोसाइटी के सहयोगी भोज कला प्रन्यास , होटल भारत पैलेस और डेपार्टमेंट ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी ऑफ़ राजस्थान का भी विशेष सहयोग के लिए आभार ज्ञापित किया !
आज समापन समारोह में शामिल हुए बीकानेर के चित्रकार मास्टर राजू स्वामी , पेंटर धर्मा , छायाकार श्री दिनेश गुप्ता ,चित्रकार लक्ष्मीनारायण सोनी , मास्टर अनुराग स्वामी , मास्टर गणेश रंगा , मास्टर महेश पुरोहित ( मास्टर महेश ने आज कई बर्षों के बाद चित्रकारी के लिए कलम उठाई और चित्र रचने में कलाकार सुनील रंगा को सहयोग दिया ) ! डॉ. दामोदर तँवर जी ( रंग मल्हार के विशेष चित्रकार ) ने डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी और श्री महावीर स्वामी जी का अपनी और से सम्मान करते हुए उनके सिर पर स्वयं के हाथों से साफा बांधकर और उनके चरण स्पर्श करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया
यहाँ कुछ फोटो सेड ऑफ़ डेजर्ट राष्ट्रीय कार्यशाला के अंतिम दिन के मेरे कैमरा की नजर से आप के अवलोकन हेतु !
In that art camp of
Dhora international art society Bikaner, I was presented as a student of my art teachers
or as a senior of my junior art masters and a supporter of art cum art reporter or I done it from my art job at there from my full time presence
.
So here I write about it .. Dhora
International art society Bikaner and Myself
.
Yogendra kumar purohit
Master of Fine Art
Bikaner, INDIA