I Joined to Seminar of Intach & Rotary Club Bikaner on world heritage Day
18-
4 - 2025 ..
Friend today is world book’s day or on this world books day it is very must we write some novel level words for book of future . Actually writing , literature and that’s printed format / hard copy is book in front side of us as a example or that book is a evidence of time registration or mood plus experiences of a writer . so here I am writing to my experience as a writer on this world books day 2025..
![]() |
panel of Seminar In Seminar of all of Branch office of Bikaner on world heritage Day 18-4-2025 |
![]() |
The Director of INTECH Bikaner Sir Prithavi Raj Ratnu presenting uparna to Chair Person of Rotary Club Bikaner |
My friend Art Historian and researcher of heritage Dr. Ritesh Vyas was invited to me as a art master for join to seminar of Intech & Rotary club Bikaner . so on right time I were presented there and I joined to that seminar as a art master .
![]() |
P.R.O. Kolkata Sir Hinglaj Dan Ratnu is presenting his paper on heritage of Bikaner. |
The Director of Bikaner Branch of Intach Sir Prithviraj Ratnu was welcome to we all in that seminar hall and then he was invited to each one speaker of that seminar for read to His/ her paper on subject of Bikaner Heritage . he was Informed to us about Indian Literature Geeta and Natyshashtra. This year Geet and Natyashashtra are register as a literature Heritage of world Heritage . It was great news for our Indian heritage or that’s right value on world Heritage Day .
In seminar many experts were presented from different section of Heritage or one by one they were read their on research paper on heritage of Bikaner. Some one read his / her critical paper on critical condition of Heritage in Present of Bikaner .
![]() |
Secratary Rajasthani Bhasha Sahity Aevam Sanskrity Academy Sir Sharad kevaliya presenting Uparna to Sir Rajesh Chura Chair Person of Rotary suprime Bikaner branch . |
![]() |
Sir Rajesh Chura is presenting his paper on heritage Subject .. |
I were listened to all paper as a student of heritage Subject , the paper readers were Sir Prithviraj ,Ratnu,( director of INTACH branch Bikaner ) Sir Rajesh Chura ( chair person of Rotary Suprim Branch Bikaner ) , Sir Saradh kevaliya ( Secretary of RAJASTHANI BHSHA SAHITRA AEVAM SANSKRITI AcADEMY Bikaner , Sir Hinglaj Dan Ratnu ( P.R. O. Kolkata India ) , writer Sir Jagdish Dan Ratnu, writer Ma’am Sudha Achary , writer Dr. Manju Alwar , Art Historian Dr. Ritesh Vyas , Rajasthani writer Dr. Namami Shankar Achary , Historian Dr.Mohamd Faruq , writer Dr. Jangid, Folk writer Dr. Puniya , Book publisher Sir Manmohan Kalyani , writer O.P. Sharma and chair person of Roatay club Mr. Sarda and team member of Intach & Rotary club Bikaner .
![]() |
Dr. Ritesh Vyas is presenting to his paper on water storage design of traditional format of Bikaner or desert sites ... |
After listen to all I were put my view about care to heritage with Angle of Art Exercise , I said we can start a new project with contemporary painters of Bikaner for paint to historical structures of Bikaner ( Bikaner forts, Hevelis and temples plus some historical public palace ) . After transfer to historical structures in painting format we will save to that’s aesthetical views and architect designs like a layout of Historical structures of Bikaner . I also suggested a idea of camping work for heritage protection and care . I hope the team of INTACH and Rotary club Bikaner will take a notice on it or they will start work on ground for care to Heritage of Bikaner .
![]() |
Myself is sharing my idea on care to heritage design by way of art or camping work |
Over all in two hours continue the seminar was on or we discussed on critical matter of Heritage of Bikaner or we shared our vision about care to heritage on world heritage Day in Seminar Hall of INTACH and Rotary Club Bikaner . I was part of that very important discuss of heritage so here I am sharing it with some visuals of that seminar for your notice because I joined to that as a care taker of Heritage or here I am writing to that as a writer on world books day .
![]() |
Myself is sharing my idea on care to heritage design by way of art or camping work |
Note ;- kind your information on my social media pages I shared a hindi note for that seminar on same day of world heritage day. or that’s copy is here for your reading , because I joined to that seminar and I listen to each one speaker on heritage subject .
मित्रों आज विश्व विरासत /धरोहर दिवस है और इस अवसर पर बीकानेर में इनटेक संस्थान शाखा बीकानेर जो प्रतिबद्ध है राजस्थानी साहित्य कला और विरासत के संवर्धन और संगरक्षण के लिए ने बीकानेर साखा रोटरी क्लब और रोटरी सुप्रीम के संयुक्त तत्वावधान में एक सेमिनार आयोजित किया रोटरी क्लब के परिसर में स्थित रोटरी सुप्रीम की ऑफिस और वाचनालय के सभागार में !
मुझे आमंत्रण मिला विरासत विषय के शोधार्थी डॉ. रितेश व्यास की जानिब से और सेमिनार को संयोजित किया रोटरी सुप्रीम के अध्यक्ष राजस्थानी के साहित्यकार श्री पृथ्वीराज रतनु जी ने ! आप ने इस सेमिनार को संयोजित भी किया और संचालित भी !
सेमिनार की अध्यक्षता की समाजसेवी श्री राजेश चुरा जी ने आप रोटरी क्लब के प्रमुख प्रभारी सदस्यों में से एक है ! उनके साथ रोटरी क्लब बीकानेर के कोषाध्यक्ष श्री मनमोहन कल्याणी जी , कोलकाता से पधारे जनसम्पर्क अधिकारी कोलकाता श्री हिंगलाज दान रतनु जी और रोटरी क्लब बीकानेर के अध्यक्ष ! मंचासीन सभी गणमान्य व्यक्तित्वों का सम्मान उन्हें अपर्णा भेंट करते हुए किया गया !
फिर संयोजक श्री पृथ्वीराज रतनु जी ने सेमिनार के विषय और इनटेक संस्थान के द्वारा किये गए राजस्थानी संस्कृति के पुनरुथान के लिए किये जा रहे ठोस कार्यो की जानकारी दी ! आप ने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया की आज विश्व धरोहर दिवस पर यूनेस्को ने भारत के आध्यात्मिक ग्रन्थ गीता और भरत मुनि के नाट्य शास्त्र को विश्व धरोहर में शामिल कर लिया है जो भारतीय साहित्यिक सांस्कृतिक धरोहर को सही पहचान दिलवाने वाली बात है !
आपने सेमिनार के लिए सांस्कृतिक धरोहर विषय के भिन्न भिन्न विषयों में शोध कर रहे या कर चुके हुए विशेषज्ञों को आमंत्रित किया अपना अपना शोध पत्र पढ़ने को ! इस उपक्रम में आप ने पहले पहल आमंत्रित किया प्रोफ़ेसर विश्नोई जी को , प्रोफ़ेसर विश्नोई जी ने जाम्बोजी के लोक साहित्य जाम्बा वाणी पर अपनी बात कहते हुए राजस्थानी लोक संस्कृति और विरासत को अध्यात्म से जोड़ते हुए विरासत के संगरक्षण की बात अतीत से चलती हुई आ रही है एक सिख की भांति गुरु वाणियों के माध्यम से इस बात पर प्रकाश डाला जाम्बोजी के लोक सांस्कृतिक साहित्य के उदहारण से !
डॉ. मंजू जी अलवर ने मत्स्य की मीरा के भक्ति गीतों को जो पौराणिक होने के बाद भी आज भी प्रासंगिक है कृष्ण भक्ति के भाव से सराबोर है और उनके भक्ति गीत आज भी तीज त्यौहार पर गाँवों की महिलाये गाती है वे भक्ति गीत भी आज विरासत है ऐसा उन्होंने कहा ! सेमिनार का समय सिमित रहा और पैनल में वक्ता अधिक सो सभी को अलप समय ही दिया गया अपनी बात कहने को !
डॉ.मंजू जी के बाद डॉ. सुधा आचार्य ने अपने शोध विषय को प्रस्तुत किया आप ने राजस्थानी में गाये जाने वाले पौराणिक लोक गीतों के संगरक्षण की बात करते हुए उनके संकलन को करने की बात कही ! आप ने स्वयं के द्वारा किये गए 1500 लोकगीत विवाह आयोजन पर गाये जाने वाले गीतों के संकलन की जानकारी
सदन को दी ! ये वास्तव में विरासत को संजोने का दुर्लभ कार्य किया है डॉ. सुधा आचार्य जी का सो उन्हें सदन ने साधुवाद भी ज्ञापित किया !
डॉ. रितेश व्यास ने जल संगरक्षण एवम प्रबंधन विषय पर अपना शोध पत्र पढ़ा ! जिसमे डॉ. रितेश ने बीकानेर राजस्थान प्रदेश में जल आपदा से निजात पाने के पौराणिक जल प्रबंधन के तरीकों की और सदन का ध्यान खिंचा ! साथ में ये भी जानकारी या सुझाव ही कहूंगा दिया की हमें आज भी उन पौराणिक जल प्रबंधन के प्रारुरप को पुन्ह अपनाते हुए जल प्रबन्धन सीखना चाहिए अन्यथा जल के लिए युद्ध हमारे सामने खड़ा है !
साहित्यकार श्री शरद केवलिया जी ने अपनी बात रखते हुए कहा की विरासत के विषय पर अभी हमें शिक्षित होना है ! शहर के सौन्दर्य करण से पहले नगर वासियों को सौंदर्य की परिभाषा से अवगत करवाना है क्यों की शहर का सौन्दर्य उनके स्वयं के द्वारा ही संभव होना है ! केवल प्रशासन जिमेवार नहीं विरासत के संगरक्षण के लिए हमारी भी जिमेवारी है !
साहित्यकार श्री जगदीश दान रतनु जी ने अपनी बात रखते हुए कहा की प्रकृति के संगरक्षण से ही विरासत के संगरक्षण का होना संभव है !
डॉ. जांगिड़ जी ने धरातल पर वर्तमान में व्याप्त असंगतियाँ जो की विरासत या धरोहर के संगरक्षण के लिए सामने आ रही है उन बिंदुओं पर सीधे प्रशासन से संवाद स्थापित करना जरुरी हो गया है इस बात पर जोर देते हुए उन्होंने बीकानेर के कई ऐतिहासिक धरोहरों का नाम गिनाते हुए अपनी बात रखी !
डॉ. नमामि शंकर आचार्य पूर्व संपादक जगती जोत राजस्थानी भाषा साहित्य संस्कृति अकादेमी राजस्थान ! ने बीकानेर की हवेली के क्षीण होने के विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा की समय बदल रहा है और समय की मांग के आधार पर पौराणिक ऐतिहासिक हवेली वो मांग पूर्ण नहीं कर पा रही है सो विरासत क्षीण हो रही है इसमें मज़बूरी समय ने बना दी है हवेलियों के मालिकों की ! फिर भी डॉ. नमामि शंकर ने माना की सरकार ने संगरक्षण दिया तो संभवतः सक्षम लोग अपनी हवेली को विरासत के रूप में बचा लेंगे !
डॉ. मोहम्मद फ़ारुक़ साहब ने भी अपने शब्दों में बीकानेर के ऐतिहासिक धरोहर के संगरक्षण और उसके ऐतिहासिक प्रमाणों और सौन्दर्य बोध को बचाने के हर संभव प्रयास करने की मंशा रखने की बात कही ! क्यों की वे मानते है की विरासत ही इतिहास का जीता जागता प्रमाण होता है !
मैंने भी विरासत के संगरक्षण में एक विचार प्रस्तुत किया कला की दृष्टि से जो की मेरा धर्म भी है कलाकार होने के नाते ! मैंने फ्रांस देश के हेरिटेज प्रोजेक्ट पर काम कर रहे मास्टर विताली के कार्य का उदहारण देते हुए अपने सुझाव को रखा , मैंने कहा फ्रांस में विताली की संस्थान अन्य देशों के कलाकारों को फ्रांस बुलाते है और उनसे कला शिविर के माध्यम से फ्रांस की ऐतिहासिक इमारतों के चित्र बनवाकर उनके स्वरुप को कला कृति के रूप में संग्रक्षित करवाते है इस उपक्रम में वे पर्यटन , कला और विरासत तीनो के लिए एक साथ कार्य करते हुए संगरक्षण और संवर्धन का कार्य कर रहे है अपने देश फ्रांस की संस्कृति के संगरक्षण के लिए प्रयोगात्मक तरीके से ! मुझे भी फ्रांस जाने के लिए निमंत्रण मिला था किसी कारण वस जा नहीं सका ,! पर वैसा ही प्रयोग हम बीकानेर में भी कर सकते है बीकानेर की टूटती हवेलियों के चित्र बनवाकर ! वैसे आप को ज्ञात हो मैंने साथी चित्रकार मोहन लाल चौधरी बीकानेर के साथ मिलकर छः महीने तक बीकानेर में स्ट्रीट लैंडस्केप ड्राइंग एंड स्केचिंग करते हुए जूनागढ़, पब्लिक पार्क , रतन बिहारी जी मंदिर परिसर, लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर , रामपुरिया हवेली के श्रृंख्लावार चित्र बनाते हुए उनकी स्ट्रीट कला प्रदर्शनी भी की है उन्ही स्थानों पर जिसे बीकानेर के लोगो ने देखा और समझा भी संस्कृति के कलात्मक रूप के साथ ! जिसकी पुनरावृति भी बीकानेर के अन्य कलाकारों को साथ लेकर की जा सकती है ! विरासत के संगरक्षण और शिक्षण के लिए !
एक बात और दम्माणी चौक में संस्थापित छतरी वाला पाटा जो की प्रतिक है बीकानेरी पाटा संस्कृति का उसका भी चित्रण मैंने राजस्थान पत्रिका बीकानेर के पूर्व कॉलमनिस्ट मास्टर अनुराग हर्ष के कॉलम के लिए चित्रित किया जो निरंतर प्रकाशित हुआ मास्टर अनुराग के कॉलम पाटा संस्कृति के साथ ! बात में बात एक और ये की हमारी पुरखों की हवेली दुजरियों की गली स्थित को मैंने अख़बार से एक 50 फिट गुणा 30 फिट का पर्दा बनाकर पूरी हवेली के चेहरे को ढक दिया ! ये कहते हुए की अब शहर में मात्र 999 हवेलियां शेष ! जयपुर के हिंदुस्तान टाइम्स के जयपुर लाइव पेज पर मेरा वो प्रतिसंस्थापन कला कर्म प्रकाशित हुआ विरासत के संगरक्षण के लिए जो पीड़ थी उसे राजस्थान सर्कार के समक्ष कला स्वरुप में प्रस्तुत कर पाया जयपुर हिंदुस्तान टाइम्स न्यूज़ पेपर के जरिये ! आप को ज्ञात हो हेरिटेज मेरी कला यात्रा का भी विषय है और मैं इसके लिए सझक हूँ ! 2004 -2005 में मैंने कला शिक्षा में मास्टर डिग्री के दौरान एक कला कर्म विरासत विषय पर किया ! मैंने आमेर किले की एक जनता द्वारा बिघाड़ी गयी दीवार को हूबहू मेरी आर्ट कॉलेज की क्लास रूम स्टूडियो की दिवार पर बना दिया ! कॉलेज प्रबंधन मुझसे नाराज हुआ और मेरी TC काटने तक बात पहुँच गयी ! मेरा तर्क कला संगत तर्क था विरासत के संगरक्षण के विषय पे सो परिणाम ये हुए की स्टेट बैंक बीकानेर एंड जयपुर ने आमेर किले को गोद लिया और आज आमेर का किला पूर्ण रूप से संग्रक्षित विरासत का रोल मॉडल है हमारे राजस्थान में ! ऐसे अनेको कला कर्म मुझे उस सदन में याद आते रहे विरासत के लिए पूर्व में किये है विरासत के संगरक्षण के प्रयास में !
मेरे बाद संयोजक श्री पृथ्वीराज रतनु जी ने सेमिनारको समाहार कीओर मोड़ा आप ने पहले पहल मंच से श्री हिंगलाज दान रतनु जी को आमंत्रित किया अपनी बात रखने को , श्री हिंगलाज दान रतनु जी ने कहा की मैं कलकत्ता में हूँ और वहाँ , जनसम्पर्क अधिकारी के साथ पर्यटन विभाग भी संभालता हूँ और मैंने कलकत्ता में बीकानेर का छोटा स्वरुप देखा है उनके बिच ही रहता हूँ वे बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत को कलकत्ता में बचाये हुए है ! आप ने अपने विदेशी दौरों का जिक्र करते हुए कहा की विदेशी भी भारत इसलिए आते है क्यों की वे यहाँ की विरासत के कायल है !
रोटरी क्लब के प्रमुख पदाधिकारी श्री राजेश चुरा जी ने सब को सुनने के बाद कहा की हमें आगामी मीटिंग में प्रशासन के साथ बैठकर मीटिंग करनी होगी ! साथ ही हमें धरातल पर जाकर कार्य करने की भी जरूरत है ! अगर कही कोई प्रशासनिक अड़चन है तो हम सामाजिक स्तर पर उसे हल करेंगे पर अब विरासत के लिए धरातल पर कार्य करेंगे ! जिसमे सब का साथ अति आवशयक है !
रोटरी क्लब के कोषाध्यक्ष श्री मनमोहन कल्याणी जी ने भी विरासत और हवेली के बिच की मूल विषय पर बात को केंद्रित करते हुए अपनी बात रखी ! आप ने कहा की हवेमी के संगरक्षण के लिए मध्यस्तता की आवश्यकता है ! निजी सम्पति होने के बावजूद भी हवेली बीकानेर की विरासत है ये हवेली के मालिक को समझनी होगी और हमें उन्हें समझानी होगी !
रोटरी के अध्यक्ष जी ने आगामी मीटिंग में कोई सक्रीय कदम लेने की बात कहते हुए भिन्न भिन्न प्रकार के आयोजन करने की बात कही उन्होंने समाज के मध्य जाकर कार्य करने की बात कही जिसे मैंने समोधित किया कैंपिंग करनी होगी और सदन ने भी अध्यक्ष रोटरी क्लब की बात में हामी भरी !
इस प्रकार विश्व विरासत /धरोहर दिवस पर विरासत के संगरक्षण और संवर्धन विषय पर रखे गए सेमिनार का समाहार हुआ जो सार्थक ही रहा एक साथ एक मंच पर बीकानेर के विरासत के चिंतकों ने चिंतन और मनन किया विरासत के संगरक्षण और संवर्धन के विषय पर सार्थक कदम उठाने का संकल्प लेते हुए !
अंत में आभार ज्ञापित किया इंटेक शाखा बीकानेर के अध्यक्ष श्री पृथ्वीराज रतनु जी ने !
![]() |
Sir O.P. Sharma , Dr. Ritesh Vyas and Myself yogendra kumar purohit in seminar of INTACH Bikaner on world Heritage Day 2025 at Rotary Club Bikaner., |
So here I write about it .. I joined to Seminar of Intech & Rotary Club Bikaner on world heritage Day 18- 4 - 2025 ..
Yogendra kumar purohit
Master of Fine Art
Bikaner, INDIA