How
To Develop To our culture ? When Our Academic
System Is Poor …
Friends we know each one culture is develop by a academic
society or that’s academic system . its example we have in our art history ,
actually art and culture is real base of
a culture format . in history we
have many examples of many cultures like ROM, GREEC, EGYPT,AJANTA, JAIN TIME ,
SHIA & VISHANU KAAL and much more example we have in our world History . its
live form , only in art form today in front side of us . that is painting, sculpture ,craftsmanship and
some more manual designs of art and crafts elements .
In that time it was
possible because a very academic society
was working for culture development . they know the real
mean of art and craft . they are using to art and craft for design to life and
culture too , they accepted art can give job, food, aesthetic level of mind,
and a very fine culture, so they were following
to art and craft for culture design in their life time .
But today our academic
level is going down and down day by day .it is critical for our culture or
society, its true of today . we are
forgetting to our real rights for nature or culture . we are forgetting to our
academic basics so condition is critical
for art and culture or that’s creators. .
The creators are artists
academic artists. ( I am also include in that list because last 26 years to
continue I am busy in visual art for create to better culture or art future ) I
have academic art education from very old academic art institute of INDIA that’s
name Is Rajasthan School of Art Jaipur.
Rajasthan .
But in
contemporary time we have opened many
academic institutes or societies in our social
system . how many it is work ? no one can say properly about it .
You know I have
completed masters in painting in year 2005 but as a art master I am working in
our society as a freelancer , it is a question to academic system why this
condition with a academic artist ? as a
artist I have completed international art show with other international
academic societies of other countries like Italy , France , Greek ,America but in my nation INDIA or in state Rajasthan I
am not accepted as a academic artist it is another critical question to our
academic system ?
By luck last month our State Academi Rajasthan Lalit
Kala Academy organized a art exhibition of 147 artists of Rajasthan , the
Academy listed to artist from academy record list , a new secretary Dr.
Surendra Soni was taken this kind of art step for a art sound of Rajasthan
Lalit Kala Academy Jaipur . by luck the RLKA called me for my work about their
Exhibition , they posted me a official invitation letter /call letter for my art work ( it mean I was accepted as a
academic Artist by efforts of New Secretary
of RLKA Dr. Surendra Soni )
. in reply of Academy letter I wrote a
letter in Hindi -
( I wote it to secratary of RLKA :- A letter to Secretory of Rajasthan lalit Kala Akadami Jaipur ..सेवा में ,
श्री मान सचिव महोदय ,
डॉ. सुरेन्द्र कुमार सोनी ,
राजस्थान ललित कला अकादमी ,
जयपुर !
विषय :- जहांगीर आर्ट गैलरी में चित्र प्रदर्शनी हेतु चयनित मेरे नाम और कला कर्म के सन्दर्भ में !
मान्यवर ,
सादर निवेदन है की मैं विगत २६ वर्ष से निरंतर कला साधना में सलंग्न हूँ ! राजस्थान ललित कला अकादमी ने एक बार मेरी कला अभिव्यक्ति को छात्र कला प्रदर्शनी में शामिल भी किया था ! उसके बाद मैंने कला मेलों में भी अपनी भागीदारी पूर्ण सक्रियता से दी ! २००७ तक मै निरंतर राज्य कला प्रदर्शनी में अपनी प्रवष्टि प्रेषित करता रहा हूँ ! पर हर बार मुझे उपेक्षा ही हाशिल हुई ,अकादमी की तरफ से ! निराष अकेला असहाय मै थक गया और २००७ के बाद मैंने अकादमी की समस्त गतिविधि से अपने आप को दूर कर के अपने स्वतंत्र कला सृजन में सलंग्न हो गया ! आप को विदित हो की राज्य कला प्रदर्शनी २००५ -०६ /२००६-०७ में मैंने मेरा मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट होने के बाद की ६० गुणा ४० इंच की तीन चित्र कृतियाँ इटालिक फ्रेम विथ गिलास प्रेषित की थी ! जो की चयन प्रक्रिया में नहीं ली गयी जिसे मैंने आज तक अकादमी से नहीं उठाया ! वे अकादेमी के स्टोर रूम में कही रखी हुई होगी या क्या स्थिति है आप संज्ञान लेवे !
प्रश्न ये बनता है की मैं वही योगेंद्र कुमार पुरोहित बीकानेर निवासी मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट किया हुआ चित्रकार हूँ ! तब मुझे उपेक्षित किया गया और आज मुझे राजस्थान ललित कला अकादेमी की जहांगीर आर्ट गैलरी में होने वाली कला प्रदर्शनी के लिए चयनित किया जा रहा है , बिना मेरे आग्रह और चयन प्रक्रिया के लिए चित्र प्रेषित किये बगैर ? मैं समझसकता हूँ आप की कार्य प्रणाली और सृजन प्रोत्सान के भाव को शायद इसीलिए आप से मैं मेरी ये मन की बात डॉ. अमिताभ बच्चन जी के बाद आप से साझा कर रहा हूँ आप की इ मेल और अकादमी की एक फ़ोन कॉल आने के बाद !
चूँकि आप ने मुझे अपनी चयन प्रक्रिया में लिया है मुझ पर विस्वास किया है इस विस्वास के आधार पर आज मैं आप से ये आग्रह करता हूँ की मेरी अंतिम प्रवष्टियों जो की राजस्थान अकादमी के संकलन या स्टोर में सुरक्षित है ( संभावना ) को आप जहांगीर आर्ट गैलरी की आगामी कला प्रदर्शनी में शामिल करे ! फ़ोन कॉल पर मैडम ज्योति जी ने सूचित किया की मैं अपना बेस्ट वर्क अकादमी कार्यालय में प्रेषित करूँ तो उन्हें मैंने सूचित किया की मेरे तीन चित्रों के बारे में जो की मेरा बेस्ट था ठीक वैसे ही चित्र है जैसे की रविंद्र नाथ ठाकुर , जामिनि रॉय , अवनींद्र नाथ ठाकुर , अमरता शेरगिल , देवीप्रसाद रॉय चौधरी , एम् ऍफ़ हुसैन , मंजीत बाबा , रामकुमार , राम गोपाल विजय वर्गीय , कृपाल सिंह शेखावत , ज्योति स्वरुप , पि ऍन चोयल , रामेश्वर सिंह , देवकीनंदन शर्मा ,आर बी गौतम , डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी के है !
कला इतिहास में लेओनार्दो डा विंसी की कृति मोनालिसा समय से नहीं , नए या पुराने से नहीं लेओनार्दो की अभिव्यक्ति और चित्र प्रेम की वजह से बेस्ट थी, है और आगे भी रहेगी ये हम सब कला परिवार के लोग जानते है !
वान गोग की विन्सेंट शूज पेंटिंग संवेदना की चरम को छूने वाली कृति है जिसे उन्होंने नितांत एकांत में रचा होगा जो आज भी बेस्ट है और आगे भी रहेगी ! इसी प्रकार माइकल एंजिलो की डेविड मूर्ति शिल्प या सल्वाडोर डाली की टाइम फ्लो चित्र कृति !
ये सब मैं इसलिए आप से साझा कर रहा हूँ ताकि आप मुझे और मेरी कला अभिव्यक्ति की विचारणा को ठीक से समझ सके की मैं चित्रकला में कहा जी रहा हूँ और कितना !
मेरे लिए चित्रकला एक मौन भाषा है समाज और समय से संवाद करने की ! मैंने इसे व्यवसाय नहीं बनाया और न ही बनाना चाहा था / क्योकि हरिद्वारी प्रशाद ( कला दार्शनिक ) कहते है की कला बुद्धि व्यापार है ! और मैं उनके इस तर्क से पूर्ण रूपेण सहमति रखता हूँ , विष्णुधर्मोत्तर पुराण में तो कला को सर्वोपयोगी धन कहा है और मैंने इस धन को खूब बाँटा है इन २६ सालों में ये ख़तम नहीं हुआ और बढ़ गया है इस पत्र से ये बात आप समझ चुके होंगे ऐसा मेरा विस्वास है !
अतः अंत में मैं यही कहूंगा की आप मेरे अकादमी में रखे हुए चित्रों को जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शित करे और मेरा राजस्थान ललित अकादमी पर से खोये हुए विस्वास को पुनः बनाये, तो मैं आप का कृतज्ञ रहूँगा ( तन, मन और धन का बहुत हास और उपहास हुआ है मात्र राजस्थान ललित कला अकादमी की राज्य कला प्रदर्शनी की चयन प्रक्रिया में आने हेतु और प्रफुल्ला धानुकर आर्ट फाउंडेशन मुंबई ने वर्ष २०१८ में मुझे कलानन्द राज्य कला पुरस्कार से सम्मानित किया है , इस बात से मन खिन है और राजस्थानी भाषा की वो केबत याद आती है की " घर रा जोगी जोगणा, बार का जोगी सिद्ध " !
मुझे जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शित होने वाली कला प्रदर्शनी के लिए चित्रकार के रूप में चयन प्रक्रिया में रखने हेतु , मुझे राजस्थान ललित कला अकादमी के ऑफिस से फ़ोन कॉल और इ मेल के जरिये सूचित करने हेतु आप को साधुवाद !
( जहाँ तक मुझे याद पड़ता है हाड़ोती अंचल के कोटा कैंप के लिए २००९ में चित्रकार चंद्रशेखर सैन से मैंने आप को कैंप में शामिल करने की बात कही थी क्योंकि उस कैंप में आये हुए सभी कलाकारों का चयन मेरे सुझाव के आधार पर ही हुआ था ! ये भी विचारणीय बात है )
आभार
चित्रकार योगेंद्र कुमार पुरोहित
मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट
कमला सदन ,बंगला नगर ,
पुराने शिव मंदिर के पास ,
पूगल रोड , बीकानेर
पिन ३३४००४
फ़ोन ९८२९१९९६८६
८२०९८५१५५७
इ मेल yogendrapurohit@yahoo.com )
डॉ. सुरेन्द्र कुमार सोनी ,
राजस्थान ललित कला अकादमी ,
जयपुर !
विषय :- जहांगीर आर्ट गैलरी में चित्र प्रदर्शनी हेतु चयनित मेरे नाम और कला कर्म के सन्दर्भ में !
मान्यवर ,
सादर निवेदन है की मैं विगत २६ वर्ष से निरंतर कला साधना में सलंग्न हूँ ! राजस्थान ललित कला अकादमी ने एक बार मेरी कला अभिव्यक्ति को छात्र कला प्रदर्शनी में शामिल भी किया था ! उसके बाद मैंने कला मेलों में भी अपनी भागीदारी पूर्ण सक्रियता से दी ! २००७ तक मै निरंतर राज्य कला प्रदर्शनी में अपनी प्रवष्टि प्रेषित करता रहा हूँ ! पर हर बार मुझे उपेक्षा ही हाशिल हुई ,अकादमी की तरफ से ! निराष अकेला असहाय मै थक गया और २००७ के बाद मैंने अकादमी की समस्त गतिविधि से अपने आप को दूर कर के अपने स्वतंत्र कला सृजन में सलंग्न हो गया ! आप को विदित हो की राज्य कला प्रदर्शनी २००५ -०६ /२००६-०७ में मैंने मेरा मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट होने के बाद की ६० गुणा ४० इंच की तीन चित्र कृतियाँ इटालिक फ्रेम विथ गिलास प्रेषित की थी ! जो की चयन प्रक्रिया में नहीं ली गयी जिसे मैंने आज तक अकादमी से नहीं उठाया ! वे अकादेमी के स्टोर रूम में कही रखी हुई होगी या क्या स्थिति है आप संज्ञान लेवे !
प्रश्न ये बनता है की मैं वही योगेंद्र कुमार पुरोहित बीकानेर निवासी मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट किया हुआ चित्रकार हूँ ! तब मुझे उपेक्षित किया गया और आज मुझे राजस्थान ललित कला अकादेमी की जहांगीर आर्ट गैलरी में होने वाली कला प्रदर्शनी के लिए चयनित किया जा रहा है , बिना मेरे आग्रह और चयन प्रक्रिया के लिए चित्र प्रेषित किये बगैर ? मैं समझसकता हूँ आप की कार्य प्रणाली और सृजन प्रोत्सान के भाव को शायद इसीलिए आप से मैं मेरी ये मन की बात डॉ. अमिताभ बच्चन जी के बाद आप से साझा कर रहा हूँ आप की इ मेल और अकादमी की एक फ़ोन कॉल आने के बाद !
चूँकि आप ने मुझे अपनी चयन प्रक्रिया में लिया है मुझ पर विस्वास किया है इस विस्वास के आधार पर आज मैं आप से ये आग्रह करता हूँ की मेरी अंतिम प्रवष्टियों जो की राजस्थान अकादमी के संकलन या स्टोर में सुरक्षित है ( संभावना ) को आप जहांगीर आर्ट गैलरी की आगामी कला प्रदर्शनी में शामिल करे ! फ़ोन कॉल पर मैडम ज्योति जी ने सूचित किया की मैं अपना बेस्ट वर्क अकादमी कार्यालय में प्रेषित करूँ तो उन्हें मैंने सूचित किया की मेरे तीन चित्रों के बारे में जो की मेरा बेस्ट था ठीक वैसे ही चित्र है जैसे की रविंद्र नाथ ठाकुर , जामिनि रॉय , अवनींद्र नाथ ठाकुर , अमरता शेरगिल , देवीप्रसाद रॉय चौधरी , एम् ऍफ़ हुसैन , मंजीत बाबा , रामकुमार , राम गोपाल विजय वर्गीय , कृपाल सिंह शेखावत , ज्योति स्वरुप , पि ऍन चोयल , रामेश्वर सिंह , देवकीनंदन शर्मा ,आर बी गौतम , डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी के है !
कला इतिहास में लेओनार्दो डा विंसी की कृति मोनालिसा समय से नहीं , नए या पुराने से नहीं लेओनार्दो की अभिव्यक्ति और चित्र प्रेम की वजह से बेस्ट थी, है और आगे भी रहेगी ये हम सब कला परिवार के लोग जानते है !
वान गोग की विन्सेंट शूज पेंटिंग संवेदना की चरम को छूने वाली कृति है जिसे उन्होंने नितांत एकांत में रचा होगा जो आज भी बेस्ट है और आगे भी रहेगी ! इसी प्रकार माइकल एंजिलो की डेविड मूर्ति शिल्प या सल्वाडोर डाली की टाइम फ्लो चित्र कृति !
ये सब मैं इसलिए आप से साझा कर रहा हूँ ताकि आप मुझे और मेरी कला अभिव्यक्ति की विचारणा को ठीक से समझ सके की मैं चित्रकला में कहा जी रहा हूँ और कितना !
मेरे लिए चित्रकला एक मौन भाषा है समाज और समय से संवाद करने की ! मैंने इसे व्यवसाय नहीं बनाया और न ही बनाना चाहा था / क्योकि हरिद्वारी प्रशाद ( कला दार्शनिक ) कहते है की कला बुद्धि व्यापार है ! और मैं उनके इस तर्क से पूर्ण रूपेण सहमति रखता हूँ , विष्णुधर्मोत्तर पुराण में तो कला को सर्वोपयोगी धन कहा है और मैंने इस धन को खूब बाँटा है इन २६ सालों में ये ख़तम नहीं हुआ और बढ़ गया है इस पत्र से ये बात आप समझ चुके होंगे ऐसा मेरा विस्वास है !
अतः अंत में मैं यही कहूंगा की आप मेरे अकादमी में रखे हुए चित्रों को जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शित करे और मेरा राजस्थान ललित अकादमी पर से खोये हुए विस्वास को पुनः बनाये, तो मैं आप का कृतज्ञ रहूँगा ( तन, मन और धन का बहुत हास और उपहास हुआ है मात्र राजस्थान ललित कला अकादमी की राज्य कला प्रदर्शनी की चयन प्रक्रिया में आने हेतु और प्रफुल्ला धानुकर आर्ट फाउंडेशन मुंबई ने वर्ष २०१८ में मुझे कलानन्द राज्य कला पुरस्कार से सम्मानित किया है , इस बात से मन खिन है और राजस्थानी भाषा की वो केबत याद आती है की " घर रा जोगी जोगणा, बार का जोगी सिद्ध " !
मुझे जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शित होने वाली कला प्रदर्शनी के लिए चित्रकार के रूप में चयन प्रक्रिया में रखने हेतु , मुझे राजस्थान ललित कला अकादमी के ऑफिस से फ़ोन कॉल और इ मेल के जरिये सूचित करने हेतु आप को साधुवाद !
( जहाँ तक मुझे याद पड़ता है हाड़ोती अंचल के कोटा कैंप के लिए २००९ में चित्रकार चंद्रशेखर सैन से मैंने आप को कैंप में शामिल करने की बात कही थी क्योंकि उस कैंप में आये हुए सभी कलाकारों का चयन मेरे सुझाव के आधार पर ही हुआ था ! ये भी विचारणीय बात है )
आभार
चित्रकार योगेंद्र कुमार पुरोहित
मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट
कमला सदन ,बंगला नगर ,
पुराने शिव मंदिर के पास ,
पूगल रोड , बीकानेर
पिन ३३४००४
फ़ोन ९८२९१९९६८६
८२०९८५१५५७
इ मेल yogendrapurohit@yahoo.com )
blob:https://web.whatsapp.com/87aee5bd-45f8-45a5-9e74-3b361abf213f |
blob:https://web.whatsapp.com/87aee5bd-45f8-45a5-9e74-3b361abf213f
and posted to Secretary of
RLKA On E Mail of RLKA . in that letter I
informed to Secretary of RLKA about my
work or condition in state academy . Dr. Surendra Soni
noticed to my letter /matter and
collected my painting from Store of RLKA
, I have submitted my three art works
for state art Exhibition in year
2005-2007 . that time my art works
were not selected but that was
my academic works after my
masters ( academic art Education from
Academic Art Institute ) from Rajasthan School of Art Jaipur .
( list of RLKA ARTISTS :-
मुमल नेटवर्क, जयपुर। जहांगीर आर्ट गैलेरी में हो रहे ग्रुप शो के लिए अकादमी की अनुभवी व जानकार चयन समिति द्वारा पूरे राजस्थान से चुने गए कुल 147 कलाकारों की लिस्ट प्रस्तुत है। सभी चयनित कलाकारों को शुभकामनाएं...।
वे योग्य वरिष्ठजन जो चयनित होनें के लिए आमंत्रण के बावजूद शो में शामिल होने को तैयार नहीं हुए, वे जो आमंत्रित किए जाने के बाद भी चयन से वंचित रहे और वे जो चुने ही नहीं गए वे फिलहाल अपनी स्थिति और कृतित्व की स्वयं समीक्षा करें। प्रखर व बिंदास लोग हमसे भी साझा करें, मूमल आपके विचार प्रकट करने के अधिकार की पूरी रक्षा और सम्मान करेगा।
चयनित कलाकारों की लिस्ट
1. अब्बास बाटलीवाला
2. अदिति अग्रवाल
3. अजय दर्शन सिंह राजावत
4. अजय मिश्रा
5. अजय सिंह पीलवा
6. आकाश चोयल
7. अमित हरित
8. अमित राजवंशी
9. अंकित पटेल
10. अन्नपूर्णा शुक्ला
11. अनुपम भटनागर
12. अनुपमा जैन
13. अर्चना
14. पद्मश्री अर्जुन प्रजापति
15. अरविन्द मिश्रा
16. आशीष कुमार श्रृंगी
17. अशोक गौड़
18. अशोक हाजरा
19. बी.सी.गहलोत
20. बसन्त कश्यप
21. भवानी शंकर शर्मा
22. भीम सिंह हाड़ा
23. भुवनेश जैमिनी
24. चन्द्र मोहन शर्मा
25. चन्द्र प्रकाश जैन
26. चन्द्र शेखर सैन
27. चरण शर्मा
28. चिमनराम डांगी
29. चिन्मय मेहता
30. दीपक खण्डेलवाल
31. धर्मवीर वशिष्ठ
32. दिलीप सिंह चौहान
33. दिलीप शर्मा
34. दिनेश उपाध्याय
35. दीपिका हाजरा
36. एकेश्वर प्रसाद हटवाल
37. इरा टाक
38. गौरी शंकर जांगिड़
39. गिरीश चौरसिया
40. गोपाल आचार्य
41. गोपाल शर्मा
42. गोपाल स्वामी खेतांची
43. एच. आर. कुम्भावत
44. हरीश वर्मा
45. हेमन्त द्विवेदी
46. हेमन्त जोशी
47. जगदीश नन्दवाना
48. जगमोहन माथोडिय़ा
49. ज्योति प्रकाश गौतम
50. कैलाश चन्द शर्मा
51. कमल जोशी
52. कपिल शर्मा
53. केशव शर्मा
54. खुश नारायण जांगिड़
55. किरण मूर्दिया
56. किरन सोनी गुप्ता
57. किशन मीणा
58. कृष्णा महावर
59. लाखन सिंह जाट
60. लाल चन्द मारोठिया
61. लक्ष्मीकांत शर्मा
62. लक्ष्यपाल सिंह राठौड़
63. लोकेश जैन
64. लोकेश कुमावत
65. मदन मीणा
66. मदन सिंह राठौड़
67. महावीर स्वामी
68. महेश सिंह
69. महेश स्वामी
70. मनन चतुर्वेदी
71. मणि भारतीय
72. मनीष वाजपेयी
73. मनोज टेलर
74. मीना बया
75. मीनाक्षी कासलीवाल भारती
76. मोहम्मद सलीम
77. मुकुल मिश्रा
78. नरेन्द्र सिंह 'चिंटूÓ
79. नीरज शर्मा
80. नेमा राम जांगिड़
81. पंकज गहलोत
82. पवन कुमार शर्मा
83. पूनम माथुर
84. प्रदीप शर्मा
85. प्रदीप वर्मा
86. प्रमोद कुमार सिंह
87. प्रतीक कुमावत
88. पुष्पकांत त्रिवेदी
89. आर.बी. गौतम
90. राहुल उषाहरा
91. राजाराम वयास
92. राजेन्द्र गौड़
93. राजेन्द्र मिश्री
94. राकेश सिंह
95. राम जायसवाल
96. राम प्रतिहार
97. राम सोनी
98. रणजीत सिंह चूड़ावाला
99. रवि कुमार योगी
100. रेखा अग्रवाल
101. रेखा भटनागर
102. ऋतु जौहरी
103. रोकेश कुमार सिंह
104. रूद्र भारद्वाज
105. सचिन्दानन्द सांखलकर
106. संजीव शर्मा
107. सन्त कुमार
108. सौरभ भट्ट
109. शाहिद परवेज
110. शैल चोयल
111. पद्मश्री शाकिर अली
112. शालिनी भारती
113. शरद भारद्वाज
114. शीतल चितलांगिया
115. शेख मोहम्मद लुकमान
116. शिव कुमार शर्मा
117. शिव शंकर शर्मा
118. श्वेत गोयल
119. स्नेहलता शर्मा
120. सोहन जाखड़
121. सुब्रतो मण्डल
122. सुधीर शर्मा
123. सुधीर वर्मा
124. सुमन गौड़
125. सुनीत घिल्डियाल
126. सुनील चेजड़ा
127. सुनील जांगिड़
128. सुनील कुमार कुम्भावत
129. सुरभि सोनी
130. सुरेन्द्र सिंह
131. सुरेन्द्र पाल जोशी
132. सुरेश जोशी
133. सुरेश पाराशर
134. सुरजीत कौर चोयल
135. सुशहल निम्बार्क
136. सैयद मेहर अली अब्बासी
137. ताराचन्द शर्मा
138. तसलीम जमाल
139. पद्मश्री तिलक गीताई
140. तिलक राज
141. वीरबाला भवसर
142. विजय कुमावत
143. विनोद भारद्वाज
144. वीरेन्द्र बन्नू
145. योगेन्द्र कुमार पुरोहित
146. योगेन्द्र सिंह नरूका
147. युगल किशोर शर्मा )
Junior Artist Vikram Singh with My Art work At Jehangir Art gallery Mumbai 2018 . |
Now my art work was exhibited at Jehangir Art
Gallery of Mumbai on date 26 June 2018 . RLK Academy published to my art work in catalog . After 10 year
RLKA accepted to me as a Academic Artist
when a New academic officer came in RLKA . it mean I was academic but their
poor system or setup was not accepted to me , why ? I don’t know but they did
not accepted to my academic art work . it is fact of my past art life before 2018 .
Kind your information Prafulla Dahanukar Art
Foundation submit me kalananad State
Award in this year 2018 , Prafulla Dahanukar Art Foundation is a PVT .Art
promotion community of Mumbai , Please notice it And RLKA is branch of Center Academy
of my Nation ,its monitoring under our Govt.
of INDIA .our Art and Culture Ministry is funding to national academy or
national academy is funding to all state academies for develop to art and
culture .its Indian culture design format in our system of GOVT of INDIA .
So I noticed to a very
critical point in Exhibition of RLKA ( Exhibition venue was Jehangir Art
Gallery Mumbai very high rental gallery of INDIA )
My Work Display at Jehangir Art gallery Mumbai 2018 , photo by Artist Suresh Meena 2018 |
We know Academy setup
was designed for direct benefit to creative Artist , all academies are organize
/ provide art exhibitions, art workshops, scholarships, fellowships to academic artists . Academies were not cutting any kind of tax or charity fund
from artist work sales or any remunerations.
But this Art Exhibition of RLKA ( Jehangir Art
Gallery Mumbai 2018 )
bund to artist for 15 % welfare fund on sale of Artist work . so I think academy has forget to real
duty and aim of Academy foundation . why we were created academy and what is
doing today our academy with Artists ? it is a big question for our Ministry of
Art and Culture of GOVT of INDIA .
In this case I am
seeing artists are trying to collect to
fund by sale of art for RLKA . it is painful for me or for our culture setup .
it is painful for academic format designer , he /she did not thought this! when he/she created this very supportive
academic system for artists benefit or
culture developments ..
My work Display by RLKA at Jehangir Art Gallery Mumbai 2018 |
When academies are
going on this path then how to in future we can develop to a fine rich culture for
our future . by this poor academic system it will not possible I am telling to you
very clear so notice it and get
alertness today for future culture now . it is very must ..
Because I notice it and
then write it here with a question How to Develop to culture ? when our Academic
system is poor ..
Yogendra kumar purohit
Master of Fine Art
Bikaner, INDIA
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