Rang Anand Theater Festival 2025…
Friends in my Bikaner art and culture is a backbone of Bikaner city . we are committed for art and culture of our city . In each one home and family of Bikaner you can find a artist , that artist can classical or none classical singer , actor of folk or contemporary theater , dancer , painter of traditional Matheran painting or contemporary painting , writer of literature & poetry ,and handicraft artist . so i can say art is in environment of my city Bikaner .
Its live example i have lived last week in my city Bikaner , Here Five days theater festival was organized by SANKALP Natya samiti Bikaner , Its founder is Senior writer , poet and a educated person sir Vidhyasagar Acharya , his two son's were managed to this art community for literature , art and theater , they both are in same age group brothers, they were worked hard for art literature or theater from Sankalp Naty Samiti - Bikaner , Their name is sir Anand V. Acharya and Sir Madhu Acharya , Sir Anand V Acharya was passed away in year 2019.
It was big loss for city Bikaner or thats culture , Because late great art master Sir Anand V Acharya was a great poet , singer, play script writer , a very fine theater art director or a good actor or a good open theater art institute of Bikaner for new actor's of theater art.
but after this big loss sankalp natya samity is not stopped or they were not got blocked in their art vision. they are following to caption of art "THE SHOW MUST GO ON " so i am very much respected for sankalp natya samiti Bikaner .
the third generation of Sankalp Natya Samiti Bikaner, the son of Late great Art master Sir Anand V Achary master Abhishek Achary is take the real role of manager . coordinator or director of sankalap natya samiti Bikaner at present , He is organizing every year Rang Anand theater festival in tribute to Sir Anand V Acharya after year 2020 . Master Abhishek is a very silent observer person or in my view he is a very deep art master just like his great father sir Anand V Acharya .
i can say it because on date 17/2/2025 the opening day of Rang Anand theater festival at town hall, master Abhishek was busy in arrangement's of festival in same time he was looked to me there and gave me a batch of Rang Anand theater festival 2025 , In same time i observed to his eyes , in that movement he was giving me full responsibility of art for Rang Anand theater festival 2025 from his deep silence. his batch was on my chest and art responsibility was came in my head naturally . i was taken that as a art master or as a art duty too. so thanks to master Abhishek Acharya .
kind your information i have created some prop/property of set /theater stage for some selective play of Late great art master sir Anand V Acharya , that play's were inspector Matadin chand par & Tidorao , i have created prop spacecraft or a traditional window for his play .
At Rang Anand theater festival 2025, after watched to first play i was came to home , and i checked to my phone in phone i noticed one missed call of senior theater art director / actor sir Ashok joshi , when i called back then he was demanded to me a one more property / prop for play . he wanted to me a prop of vulture. i were created that within four hours by a very simple method and in real size or in real look by cloth or paper craft . that was also used for theater art of Sankalp natya samity or thats Rang Anand theater festival 2025 . so i can say i have done one more prop work for sir Anand V Acharya .
this Rang Anand theater festival 2025 was run for five days date 17 / 2/ 2025 to till 21/2/2025 . it was organized at Town hall of Bikaner , there i were presented all five days , i watched to all plays and there i were done live sketching of theater performances .
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Master Abhishek Acharya with founder of Sankalp Natya Samiti Bikaner - Sir VIdhyasagar Acharya (Grandfather of Master Abhishek Acharya ) |
I also wrote five notes in hindi for each one art performance of Rang Anand theater festival 2025 . Here i am share thats text copy , photographs of play performances and photographs of my live sketching .
i hope you will translate to my hindi note in your own language by google or other translators. or after translation you can understand to my real art role or art responsibility in Rang Anand theater festival 2025
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मित्रों बीकानेर में आज से आरम्भ हुआ है रंग आनंद नाट्य समारोह 2025 , जो आगामी चार दिन तक बीकानेर के स्थानीय टाउन हाल में में प्रतिदिन संध्या के समय 7 बजे प्रतिदिन एक नाट्य प्रस्तुति के साथ सुचारु रहेगा ! ( दिनांक 17 /2 /2025 से 21 /2 /2025 तक )और इसे संचालित किया जाएगा बीकानेर की संकल्प नाट्य समिति के द्वारा जिसके संयोजक, प्रबंधक और निदेशक है मास्टर अभिषेक आचार्य !
आज की प्रथम प्रस्तुति रही नाट्य प्रस्तुति - गवाड़ी , जिसे प्रस्तुत किया रम्मत नाट्य संस्थान जोधपुर ने , नाटक लिखा है डॉ. अर्जुन देव चारण जी ने तो नाटक को निर्देशित किया मास्टर आशीषदेव चारण ने ! नाटक शुद्ध राजस्थानी में नाट्य रस के सभी नो रसों को समेटे हुए रहा पर ऍन एस डी की खुसबू बिखेरने में कही चूक गया अब ये चूक नाटक के लेखक की रही या लिखे हुए नाटक को ठीक से मंचित करने में नाटक निर्देशक की ये उन दोनों रचनाकारों के लिए सोचने का विषय है मुझ दर्शक का नहीं ! साथ ही नाटक में समकालीन ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण भी स्पष्ट था ! और नाट्य में मोबाइल जैसे उपकरण से नाट्य किरदारों को बचाये रखा नाट्य लेखक और निर्देशक दोनों ने , नाटक में कही कोई संवाद या अभिनय में मोबाइल का जिक्र न होना सुखद अनुभूति रही आज की प्रथम प्रस्तुति से सो साधुवाद डॉ. अर्जुन देव चारण साब को और उनके पुत्र नाटक के निर्देशक और मेरे फेसबुक मित्र मास्टर आशीष देव चारण को !
निर्देशक के रूप में मास्टर आशीष देव चारण ने प्रकाश प्रभाव के साथ रचनात्मक प्रयोग भी किया छाया प्रभाव से जो रंग निर्देशक की असीम संभावना को दर्शक के सामने स्पष्ट कर रहा था बीकानेर के टाउन हाल में !
मैंने भी आज नाट्य प्रस्तुति में मध्य रेखा चित्र लाइव स्केच ( रेपिड स्केच बनाये ) रंग मंच की मद्धम प्रकाश प्रभाव में ! इस बिच एक दो छाया चित्र भी लिए दर्शक दीर्घा में वरिष्ठ रंगकर्मी श्री प्रदीप भटनागर जी, श्री बुलाकी शर्मा जी और श्री सुरेश शर्मा जी के पास बैठे बैठे जो यहाँ साझा कर रहा हूँ आप के अवलोकन हेतु !
नाट्य प्रस्तुति से पूर्व और पश्चात् मंच सञ्चालन किया साहित्यकार श्री संजय पूरोहिट जी ने और श्री प्रदीप भटनागर जी और डॉ. अर्जुनदेव चारण जी ने मंच से प्रतिक चिन्ह भेंट किये रम्मत नाट्य समिति की प्रस्तुति देने वाले अभिनेताओं और पार्श्व में काम करने वाले कलाकारों को साथ ही निर्देशक मास्टर आशीष देव चारण को
भी प्रतिक चिन्ह देकर सम्मान किया गया !
रंग आनंद नाट्य समारोह आयोजित किया जा रहा है रंग लेखक, गीतकार , साहित्यकार, कवि , शाइर और रंग निर्देशक स्वर्गीय श्री आनंद वी आचार्य जी की स्मृति में !
मेरा सौभाग्य रहा की मैंने रंग निर्देशक श्री आनंद वी आचार्य जी की नाट्य प्रस्तुतियों को देखा है उन पर टिकाये फेसबुक पर भी साझा करि है ! साथ ही उनके द्वारा अपने नाट्य मंच परिकल्पना के लिए उपयोग में आने वाले प्रोप को भी रचने का सौभाग्य मुझे मिला है ! आप ने मेरे से नाटक टीडोराव के लिए झरोखे का निर्माण करवाया ! तो नाटक मातादीन चाँद पर के लिए चंद्रयान का कट आउट भी बनवाया और उसे नाट्य प्रस्तुति में प्रयोग में लिया ! मुझे तब आश्चर्य हुआ जब नाटक मातादीन चाँद पर को देखने के बाद बीकानेर की रामपुरिया स्ट्रीट स्थित होटल भंवर निवास हवेली के निदेशक श्री सुनील रामपुरिया जी ने मुझ से वो प्रोप चंद्रयान माँगा और मैंने कहा वो तो रंग निर्देशक आनद वी आचार्य जी के संकलन में ही है ! मेरे लिए आर्ट और क्राफ्ट का कैनवास और आर्ट प्रमोशन आप ने अपने रंग मंच से करते हुए मेरी कला अभिव्यक्ति की मांग को खड़ा कर दिया बीकानेर के नाट्य समाज में ! मुझे आपने एक रंग मंच के पार्श्व मंच सझा / सेट डिज़ाइनर के रूप में प्रस्तुत किया बीकानेर के रंग दर्शकों के लिए वो मेरे लिए मेरी कला यात्रा की विशेष उपलब्धि है ! जिसके लिए मैं आप का सदा आभारी रहूँगा मेरी इस कला यात्रा में !
मुझे आज भी याद है की जब आप बीकानेर के आनंद निकेतन मोहता भवन में नाटक टीडोराव की रिहर्शल कर रहे थे ! उस समय मुझे रिहर्शल देख कर उसके बारे में प्रथम प्रतिक्रिया सभी अभिनेताओं के सामने देने का कहा था ! मेरे लिए वो एक दुःसाहस ही था या आप ने मेरे भीतर सत्यम शिवम् सुंदरम को साफ साफ कहने की हिम्मंत जगाई थी नाट्य कला के मूल्याङ्कन के लिए !
उस पल मैंने प्रथम बार एक विडिओ नाट्य रिहर्सल का लिया मेरे मोबाइल से जिसमे सर आनंद वी आचार्य जी एक नाट्य गीत जो शायद उनका स्वयं का ही रचा हुआ था उसे अभिनेताओँ के साथ गाकर अभ्यास करवा रहे थे ! गीत के बोल थे - नई चाले ली नई चाले ली, आ गलबल नई चाले ली !
यहाँ उस वीडियो क्लिप को उस स्मृति को पुनः आप की स्मृति में तजा करने बाबत साझा कर रहा हूँ आप सब के लिए , आज के प्रथम नाट्य प्रस्तुति के कुछ छाया चित्रों के साथ रंग आनंद नाट्य समारोह 2025 , से बीकानेर के टाउन हाल से !
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मित्रों रंग आनंद नाट्य समारोह के आज दूसरे दिन डॉ. अर्जुनदेव चारण जी , साहित्यकार श्री राजेंद्र जोशी जी , वरिष्ठ रंगकर्मी श्री प्रदीप भट्नागर और वरिष्ठ रंग कर्मी श्री सुरेश हिंदुस्तानी जी की उपस्थिति में संकल्प नाट्य समिति के निर्देशक, प्रबंधक और संयोजक मास्टर अभिषेक आचार्य के दिशा निर्देश से नाटक गज फुट इंच का मंचन किया गया ! नाटक के लेखक है के. पी. सक्सेना तो नाटक को निर्देशित किया रंगकर्मी मास्टर रोहित बोड़ा ने , मेरे कालांतर में रहे मित्र और वर्तमान में ज्येष्ठ साय जी , कालांतर में हम ललित कला विषय में साथ ही अध्ययन कर चुके है बीकानेर की एम एम स्कूल में और ये मेरे लिए उत्साह की बात है की कालांतर का वो मित्र आज भी ललित कला की सब से श्रेष्ठ अभिव्यक्ति के माध्यम नाट्यकला से जुड़ा हुआ है और भारतीय कला में अपना पूर्ण योगदान दे रहा है नाट्य निर्दशन और शिक्षण से पूर्ण समर्पित भाव से !सो बधाई मास्टर रोहित बोड़ा को बधाई ज्येष्ठ साय जी को !
आज का नाटक गज फुट इंच - रंग आनंद महोत्सव में , प्रस्तुति रही सेठ तोलाराम बाफना अकादेमी बीकानेर की !
सो निर्देशक के साथ अभिनेता भी बाफना अकादेमी के ही रहे नाटक में !
नाटक की पटकथा मंजे हुए अभिनेताओं के साथ अगर प्रस्तुत होता तो गजब का हूयमर बन सकता था ! जैसा की नाटक की मांग थी ! नवसिखिये ये शब्द आनंद वी आचार्य जी का उपयोग में लेते हुए कह रहा हूँ की अमेच्युर अभिनेता नाटक की मैच्युरिटी को उजागर नहीं कर पाए ! हिंदी नाटक था सो राजस्थानी शब्दों की पूट त्रुटि उत्पन कर रही थी उसकी आवश्यकता ही नहीं थी ! पर शायद निर्देशक के हस्ताक्षर के रूप में ही उन शब्दों का उपयोग किया गया होगा मास्टर रोहित ही जाने ऐसा क्यों किया और इसकी क्या आवशयकता रही नाटक में ? स्थानीय भाषा का टच !
आज भी मैंने कुछ रेखा चित्र बनाये आज के नाटक गज फुट इंच के मंचन के !
नाटक से पूर्व और पश्चात् मंच सञ्चालन किया आर जे जय मयूर टाक ने ! नाट्य प्रस्तुति के उपरांत मंच से डॉ. अर्जुनदेव चारण जी और श्री सुरेश हिंदुस्तानी जी ने सभी अभिनेताओं और पार्श्व मंच के कलाकारों को सम्मानित किया साथ ही नाटक के निर्देशक मास्टर रोहित बोड़ा को भी विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया !
यहाँ आज के नाटक गज फुट इंच के मंचन की एक दो फोटो मेरे कैमरा से - साथ ही मेरे द्वारा बनाये गए लाइव रेपिड स्केच के फोटो आप के अवलोकन हेतु !
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मित्रों दिनांक 17 /2 /2025 को रात्रि के समय मैंने रंग आनंद नाट्य समारोह की प्रथम नाट्य प्रस्तुति को देखकर घर आने पर मेरे मोबाइल को चेक किया तो देखा वरिष्ठ रंगकर्मी श्री अशोक जोशी जी बीकानेर का कॉल आया हुआ था ! कॉल बैक किया तो अशोक जी ने मांग रखी की एक गिद्ध का रियल साइज में प्रोप चाहिए नाट्य प्रस्तुति बन्दुक में काम में लेना है जो दिनांक 19 /2 /2025 को रंग आनंद नाट्य समारोह में उपयोग में लेना है ! ये समय था रात्रि 10 बजे का !
आप को विदित हो रंगकर्मी रंग निर्देशक अशोक जोशी जी के नाटकों के लिए भी मैंने सेट डिज़ाइन किया है जिसमे नाटक लहरों के राज हंस , जब शहर हमारा सोता है और द इंस्पेक्टर कॉल , नाटक के लिए !
अशोक जी मुझे तभी कॉल करते है जब उन्हें अति शीग्र और अति आवश्यक रूप से मंच के लिए कोई कला प्रस्तुति की आवश्यकता पड़ती है ! वरिष्ठ जन मेरे लिए हमेशा से ही आदरणीय रहे है सो उनके आदेश की अनुपालना करने में , मैं तुरंत कला कर्म में जुट गया अशोक जी के कॉल के तुरंत बाद ही !
पहले दिमाग में डिज़ाइन किया की किस प्रकार का गिद्ध बनाया जाए ? फिर उसके माध्यम के चयन में व्यस्त हुआ और रचनशीलता और कला अभिव्यक्ति के दबाव ने मुझे उसी पल एक माध्यम का चयन करने का उखताया !
मैंने मेरी एक पुराणी पैंट जो अब मेरे उपयोग की नहीं थी और वो गिद्ध के वास्तविक रंग से मिलती जुलती प्रतीत हो रही थी और उसी पल मुझे उसमे गिद्ध की स्कल्पचर , टेडी,या क्लॉथ क्राफ्ट नजर आने लगा था ! मैंने मेरी पेंट ली उसकी एक स्लीव पर गिद्ध की गर्दन को टेलर वाली चाक से उकेरा फिर मेरी माँ जो टेलरिंग में मास्टर रही है से निवेदन किया रात्रि 11 बजे की क्या आप मेरे लिए सिलाई मशीन को चलाओगे ? उन्होंने मेरी कलात्मक दबाव की स्थिति को बचपन से देखा समझा और उसे सराहा है ! तो उन्होंने कहा क्या बनाएगा सिलाई से ? मैंने कहा गिद्ध ! तो रात्रि 12 बजे तक गिद्ध प्रोप की गर्दन की सिलाई और गिद्ध के धड़ की सिलाई होने के बाद मैंने उसमे न्यूज़ पेपर से भराई करते हुए गिद्ध का बेसिक स्ट्रक्चर बना दिया और उसे रात्रि 1 बजे रंगकर्मी अशोक जोशी जी और उनके सह रंगकर्मी और मेरे फेसबुक फ्रेंड मास्टर सुरेश पुनिया को भेजा ये कहते हुए की फाइनल टच अब कल सुबह होगा इसमें !
अगली सुबह यानी दिनांक 18 /2 /2025 को फिर मैंने मेरी माँ से गिद्ध के पंख को मेरी डिज़ाइन के हिसाब से मेरी उसीन पेंट की कतरन डिज़ाइन के अनुरूप सिलने को कहा उन्होंने सिलाई करदी और मैंने फिर कैंची से गिद्ध के पंख की डिज़ाइन कटिंग करते हुए बनाकर पंख को गिद्ध के बेसिक स्ट्रक्चर से जोड़कर धागे से सिल दिया और एक प्रोप गिद्ध के रूप में मात्र चार घंटे पुरानी पेंट से बनकर तैयार हो गया ( विशेष बात ये रही की इस गिद्ध के प्रोप में पूरी पेंट ही काम में आयी यहाँ तक की जेब में लगे सफ़ेद अस्तर का भी गिद्ध के गर्दन का कोलर बनाने में उपयोग बखूब हुआ है है। प्रोप डिज़ाइन में मेरा एक और नया प्रयोग भी रहा ये गिद्ध को डिज़ाइन करना नए तरीके से ) ! फाइनल टच रंग ब्रश से करते हुए गिद्ध की चोंच आँख और गर्दन पर टेक्सचर से बाल आदि का भाव उकेर कर उसके फोटो रंगकर्मी अशोक जोशी जी और मास्टर सुरेश पुनिया को भेजी ! दोनों ने उसे पास करते हुआ कहा की आज सायं दिंनाक 18 /2 /2025 को टाउन हाल ले आना रंग आनद नाट्य समारोह की प्रस्तुति देखने आओ तब ! सो मैंने वो प्रोप गिद्ध मास्टर सुरेश पुनिया तक पहुंचा दिया , शार्ट टाइम और अर्जेन्ट कॉल पर ऑन डिमांड आर्ट प्रोप गिद्ध नाटक बन्दुक के लिए !
जिसे आज 19 /2 /2025 की रंग आनद नाट्य समारोह की प्रस्तुति बन्दुक नाटक में उपयोग लिया जाएगा ! और इस तरह से रंग आनद नाट्य समारोह 2025 में मेरा भी सृजनात्मक सहयोग गिना जाएगा और इसका श्रेय जाएगा वरिष्ठ रंगकर्मी श्री अशोक जोशी जी को सो उन्हें साधुवाद और आभार मास्टर सुरेश पुनिया को भी !
आज रंग आनंद नाट्य समारोह के तीसरे इन की नाट्य प्रस्तुति बन्दुक का प्रस्तुति करण हुआ और मेरा ये सौभाग्य रहा की मैं इस प्रस्तुति को देख पाया नाटक के समय से कुछ पूर्व जोरदार बारिश और तूफानी हवाओं ने मन को विचलित कर दिया था और ये भय उत्पन किया की शायद बारिश के चलते आज का नाटक देखने से चूक जाऊँगा ! पर कहते है ना जब कायनात आप के लिए कुछ लिखती है तो वो आप को देकर ही रहती है !
नाटक से ठीक कुछ देर पूर्व बारिश रुकी और मैं बीकानेर के टाउन हाल में पहुँच सका और मजे की बात नाटक के उपरांत घर आते ही फिर से बारिश शुरू हो गयी है ! ये मेरे लिए स्वर्गीय आनंद वी आचार्य जी का आशीर्वाद ही मानुगा के उनके सम्मान हेतु मैं रंग आनंद नाट्य समारोह में उपस्थित हो पाया तन मन और वचन से !
वहाँ नाटक के मध्य और नाटक से पूर्व कुछ रेखा चित्र भी बना पाया और मेरे द्वारा बनाये गए प्रोप गिद्ध के उस अति लघु पर बहुत ही महत्त्व पूर्ण दृश्य को देख पाया मेरी कला की उपियोगिता और उसके महत्व और अन्य कला की पूर्णता को पूर्ण करते हुए देख पाया ! और संतुष्टि का भाव अनुभूत किया उस पल में !
ये नाटक बन्दुक लिखा है लेखक रिज़वान जहीर उस्मान साहब ने और नाटक को निर्देशित किया आज टाउन हाल में सह निर्देशक ऊर्जा थिएटर सोसाइटी बीकानेर मास्टर सुरेश पुनिया ने मास्टर सुरेश पुनिया ने नाटक में मुख्य किरदार की भूमिका भी निभायी युवक के रूप में और उनके साथ सह अभिनेता रहे वृद्ध के किरदार में मास्टर कान नाथ गोदारा ! ( मुख्य निर्देशक वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक जोशी जी ,आप इन दिनों जयपुर में शूट में गए हुए है ! आप की अनुपस्थिति से आप के प्रभाव का अभाव महसूस हुआ ) !
बन्दुक और बांसुरी को परिभाषित करता हुआ नाटक दो किरदारों के साथ ही आरम्भ से अंत तक ले गाया और दर्शकों को बांध लिया , प्रकाश प्रभाव और सरल पर रचनात्मक मंच सझा जो की थी मास्टर रमन कुमार और मास्टर नील माधव ने ! नाटक के आरम्भ होने से पूर्व आज टाउन हॉल में उपस्थित रहे वरिष्ठ रंग कर्मी , रंग लेखक डॉ. अर्जुन देव चरण साहब और श्री मधु आचार्य आशावादी जी और श्री प्रदीप भटनागर जी आप ने आज सरस्वती माँ की प्रतिमा पर पुष्प भेंट करके रंग आनंद नाट्य समारोह के तीसरे दिन की नाट्य प्रस्तुति आरम्भ करने को संकल्प नाट्य समिति के निर्देशक , प्रबंधक और संयोजक मास्टर अभिषेक आचार्य से कहा ! नाटक का मंच संचालन आज भी मास्टर आर जे मयूर टाक ने किया और मास्टर मयूर ने एक बहुत ही महत्त्व पूर्ण जानकारी सब को दी की ये बन्दुक नाटक स्वर्गीय आनंद वी आचार्य जी ने भी निर्देशित किया था और मास्टर मयूर ने उसमे युवक की भूमिका को अभिनीत किया था !
नाटक बन्दुक के प्रस्तुति करण के उपरांत नाटक के सभी कलाकारों और पार्श्व में मंच के लिए कलाकारी करने वालो को प्रतिक चिन्ह भेंट किये गए !मंच से मेरा भी नाम पुकारा गया सेट डिज़ाइन के लिए , जो मैंने नहीं किया था ! सेट डिज़ाइनर मूल रूप से रहे मास्टर नील माधव रंग आनंद नाट्य समारोह के फोल्डर सूचि के अनुसार ! पर नाटक बन्दुक की सेट डिज़ाइन में उपयोग आने वाले महताऊ प्रोप ( प्रॉपर्टी ) गिद्ध का निर्माण मैंने किया था बस और कुछ नहीं ! जिसका विस्तार पूर्वक विवरण मैं ऊपर लिख चूका हूँ ! सो सेट डिज़ाइनर का प्रतीकचिन्ह उस पल मैंने मंच पर उपस्थित डॉ. अर्जुनदेव चारण जी के मान को रखते हुए और मास्टर अभिषेक आचार्य की मनो स्थिति को समझते हुए पकड़ा ,क्योंकि कई बार परिस्थितियां फेर बदल करवा देती है , जबकि मैंने शार्ट नोट पर सिर्फ गिद्ध का प्रोप ही बनाया था सेट डिज़ाइन नहीं किया था ! मास्टर मयूर टाक को भी इस बात का अनुमान नहीं था अन्यथा वो अपने उद्बोधन में शब्दों के जरिये बात संवार देता ! खेर ये आयोजनों का हिस्सा है इसी से ज्ञात होता है की और कितना परिपक़्व होना है आगे के आयोजनों के लिए मुझे भी और आयोजकों को भी !
यहाँ मेरे द्वारा रचित प्रोप गिद्ध (नाटक बन्दुक के लिए )बनते हुए के फोटो तथा आज के नाट्य प्रस्तुति के फोटो के साथ मेरे दो लाइव स्केच नाटक बन्दुक के टाउन हाल से आपकेअवलोकन हेतु !
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मित्रों रंग आनंद नाट्य समारोह के चौथे दिन की नाट्य प्रस्तुति रही हास्य नाटक उधार का पति , जिसे लिखा है वनमाला भवालकर ने तो नाटक को निर्देशित किया बीकानेर के युवा रंग निर्देशक मास्टर दीपांकर चौधरी ने !
मंच सञ्चालन करते हुए आर जे मयूर टाक ने आज डॉ. अर्जुन देव चरण साहब के साथ रंगकर्मी श्री रमेश शर्मा , श्री विजय सिंह राठौड़ और बीकानेर के ज्योतिषाचार्य श्री ममु महाराज को स्वर्गीय आनंद वी आचार्य जी के तेल चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही आज के नाट्य प्रस्तुति के लिए अनुमति लेते हुए मास्टर अभिषेक आचार्य को आज की नाट्य प्रस्तुति उधार का पति को आरम्भ करने को कहा और टाउन हाल में अँधेरे के साथ ही नाटक उधार का पति आरम्भ हुआ और दर्शकों को गुदगुदाते हुए हसांते हुए दर्शकों की तालियां बटोरते हुए नाट्य प्रस्तुति को बखूबी पूर्णता देते हुए पूरा किया ! आज की प्रस्तुति में गजब का हूयमर था जिसे नाटक के सभी अभिनेताओं ने बखूबी निभाया और दर्शकों को खूब हसाया नाट्य प्रस्तुति को सार्थकता तक पहुँचाया ! आज भी मैंने कुछ और रेपिड स्केच / लाइव स्केच उकेरते हुए नाट्य प्रस्तुति को देखा !
नाट्य प्रस्तुति के उपरांत सभी मुख्य अभिनेताओं के साथ पार्श्व में काम करने वाले कलाकारों को डॉ, अर्जुन देव चारण साहब , ज्योतिषाचार्य श्री ममु महाराज रंग कर्मी श्री रमेश शर्मा जी और श्री विजय सिंह राठौड़ जी ने प्रतिक चिन्ह भेंट करते हुए कलाकरो का सम्मान मंच से किया !
यहाँ आज की नाट्य प्रस्तुति के कुछ छाया चित्र साथ में मेरे द्वारा बनाये गए आज के रेखा चित्र के छाया चित्र भी मेरे कैमरा से आप के अवलोकन हेतु !
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मित्रों पांच दिवसीय रंग आनंद नाट्य समारोह आज दिनांक 21 /2 /2025 को बीकानेर के स्थानीय टाउन हॉल में समापन समारोह के साथ सम्पन हुआ ! समापन समारोह आज दो चरणो में पूर्ण हुआ ! पहले चरण में स्वर्गीय आनंद वी आचार्य जी की अंतिम नाट्य लेखन की कृति "सरदार " का लोकार्पण रंगमंच के मंच से हुआ और ये लोकार्पण हुआ गरिमामय वक्तित्व नाट्यकला को समर्पित डॉ. अर्जुन देव चारण जी की उपस्थिति और आप की अध्यक्षता में ! मंच पर आप के साथ रहे वरिष्ठ रंगकर्मी , रंग लेखक , कवि , कथाकार श्री मधु आचार्य आशावादी , वरिष्ठ रंगकर्मी श्री प्रदीप भटनागर और मास्टर रोहित बोड़ा !
मंच सञ्चालन किया साहित्यकार गीतकार श्री संजय पुरोहित ने , मंच का स्वागत करने के लिए मेरा नाम उच्चारित किया गया और मुझे डॉ. अर्जुन देव चारण जी का स्वागत करने का अवसर उन्हें पुष्पमाला भेंट कर के, करने को कहा गया ! जो मेरे लिए अति उत्साह की बात रही या इस रंग आनंद नाट्य समारोह का हिस्सा बन ने का वास्तविक उपहार ! मैंने मंच पर डॉ. अर्जुनदेव चारण जी को पुष्पहार भेंट करने के बात आप के चरण स्पर्श करते हुए राजस्थानी मायड़ भाषा में ( आज मात्र भाषा दिवस भी है) आशीर्वाद भी माँगा और आप ने एक सरल मुस्कान के साथ आशीर्वाद दिया भी जिसे मैंने महसूस किया !
स्वागत केउपरांत मास्टर रोहित बोड़ा ने अपने संस्मरण साझा किये जो उन्होंने स्वर्गीय श्री आनंद वी आचार्य जी के साथ एक शागिर्द के रूप में बिताये !
फिर नाट्य पुस्तक " सरदार " का लोकार्पण हुआ और डॉ.अर्जुनदेव चारण जी ने रंग आनंद नाट्य समारोह को ये कहते हुए सार्थक कहा की एक रंग कर्मी को ऐसे याद किया जाए ,जैसे इस रंग आनंद नाट्य समारोह में किया जा रहा है उस श्रेद्धय तथा नाट्य कला को समर्पित पुण्य आत्मा की याद में नाटक खेले जाए !
पुस्तक 'सरदार " के लोकार्पण के बाद वरिष्ठ रंग कर्मी श्री बुलाकी दास भोजक जी को रंग आनंद अवार्ड 2025 दिया गया , अवार्ड की इस प्रक्रिया में उन्हें बीकानेर रंग जगत, साहित्य जगत और कला जगत के प्रबुद्ध जानो ने पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया ! फिर मंच से उन्हें संकल्प नाट्य समिति के निर्देशक, प्रबंधक और संयोजक मास्टर अभिषेक आचार्य की उपस्थिति में सोल , श्री फल , साफा, पुरस्कार राशि 11 ,000 /- रूपए का चेक साथ ही एक सम्मान पत्र ( जिसका मंच से वाचन किया वरिष्ठ रंग कर्मी श्री रामसहाय हर्ष जी ने ) भेंट किया गया !
इस रंग आनंद अवार्ड 2025 के साक्षी बने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अजय जोशी जी , साहित्यकार कमल रंगा जी , साहित्यकार राजेंद्र जोशी , साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार जी , समाज चिंतक श्री अविनाश व्यास जी, साहित्यकार श्रीमती सरोज भाटी जी , रंगकर्मी विजय सिंह राठौड़ , शिक्षाविद प्रमोद चमोली जी , रंगकर्मी रमेश शर्मा जी , संकल्प नाट्य समिति के छायाकार अमरजीत सिंह गिल जी , ज्योतिषाचार्य ममु महाराज और समस्त बीकानेर का रंग जगत व साहित्य जगत !
सम्मान प्राप्त करने के बाद रंग कर्मी श्री बुलाकीदास भोजक जी ने अपने मन के भाव व्यक्त करते हुए कहा की आनद के बगैर कुछ बोल भी नहीं पा रहा हूँ , मेरी आवाज थे वो और वे भावुक हो गए !
उनके सम्मान में पुरे टाउन हॉल में बिराजे प्रबुद्ध जन खड़े होकर रंगकर्मी श्री बुलाकी दास भोजक जी के लिए तालिया बजाई ! वो पल वास्तव में अध्भुत अनुभव रहा मेरे लिए भी और सम्मान से लबरेज पल रहा रंग आनंद अवार्ड प्राप्त करने वाले श्री बुलाकीदास भोजक जी के लिए !
समापन समारोह का दूसरा चरण रहा रंग आनंद नाट्य समारोह 2025 की अंतिम नाट्य प्रस्तुति "बाबा शेख चिल्ली फेसबुक वाले "ये नाट्य प्रस्तुति रहि यु एस अकेडमी बीकानेर की , नाटक के लेखक रफ़ी शब्बीर और नाटक का निर्देशन मास्टर उत्तम सिंह ने किया ! नाटक के प्रभारी रहे वरिष्ठ रंग कर्मी श्री सुरेश हिंदुस्तानी जी , नाटक में छल ,फरेब ,हेरा फेरी , चारसौबीसी जैसी सामाजिक दृश्यावली को हास्य से प्रस्तुत करते हुए दर्शकों को हसाया !
आज भी रेखा चित्र उकेरने का क्रम मैंने जारी रखा मेरी स्केच बुक रंग आनद नाट्य समारोह 2025 में और कुछ रेपिड स्केच बनाये ! कुछ फोटो भी लिए मेरे मोबाइल कैमरा से रंग आनंद नाट्य समारोह के अंतिम सोपान में प्रस्तुत नाट्य प्रस्तुति और पुस्तक सरदार के लोकार्पण और रंग आनंद अवार्ड 2025 के उन अध्भुत पलों के लिए ! जो यहाँ साझा कर रहा हूँ आप के अवलोकन हेतु !
मेरा सौभाग्य देखिये एक कलाकार होने के नाते ! मैं रंग आनंद नाट्य समारोह और संकल्प नाट्य समिति की तीन पीढ़ी के साथ जुड़ा होने का सौभाग्य पाने वाला कलाकार हूँ ! शिक्षाविद , गीतकाकर , साहित्यकार श्री विद्यासागर आचार्य जी ने मेरी कई चित्र प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया है आप ने मुझे समकालीन बीकानेर की कला में हस्ताक्षर करने का साहस और बल दिया है आप ने मेरे द्वारा आयोजित असंख्य कला चर्चा महारानी सुदर्शन कला दीर्घा बीकानेर में अध्यक्षीय उद्बोधन से मेरा सृजन बल बढ़ाया है !
स्वर्गीय रंग कर्मी आनद वी आचार्य जी ने मुझे अभिव्यक्ति के नए आयामों को चुनने का साहस दिया तो साहित्यकार , रंगकर्मी श्री मधु आचार्य आशावादी जी ने मुझे अपने सम्पादन - दैनिक भास्कर से वर्ष 2000 से लेकर दैनिक भास्कर से सेवा निवृति लेने तक मेरी कला यात्रा के सारे महत्त्व पूर्ण कदमो को प्रकाश में लाये अपने प्रकाशन से और अब रंग आनंद नाट्य समारोह 2025 में जैसे ही प्रथम दिन मैं टाउन हाल पहुंचा ! मेरी भेंट हुई वरिष्ठ रंगकर्मी प्रदीप भटनागर जी से उनके ठीक पास खड़े थे मास्टर अभिषेक आचार्य संकल्प नाट्य समिति की तीसरी पीढ़ी के प्रथम प्रहरी ,मास्टर अभिषेक ने मेरे लिए रंग आनंद नाट्य महोत्सव का बेच ( तमका जिमेवारी ओटने का ) मंगवाया और अपने हाथ से मेरे स्वेटर पर लगाया , मैंने उन पलों में प्रदीप जी से कहा की मुझे पदमश्री की फीलिंग महसूस हो रही है तो वरिष्ठ रंगकर्मी अब रंग आनंद अवार्ड विनर श्री बुलाकी दास भोजक जी ने कहा वो भी मिल जायेगा , तो मैंने मास्टर अभिषेक से कहा मेरे लिए ये भी पदम् श्री से कम नहीं इसकी महत्ता ज्यादा है मेरी कला यात्रा के लिए ...... !
दरसल मास्टर अभिषेक ने बिना कुछ कहे ही मुझे जिमेवारी सौंपी और मैंने नियमित पांच दिन मेरी प्रतिबद्धता के साथ उपस्थिति दी समारोह को अवलोकित किया , मूल्यांकित भी और सोशल मीडिया पर प्रकाशित भी , आप को अपने एक ही जीवन में तीन पीढ़ी का आत्म विश्वास सम रूप में मिल जाए तो वो खुदा के मिलने से कमतर नहीं !सो मैं आभारी हूँ संकल्प नाट्य समिति का की उन्होंने मुझ कलाकार की योग्यता को आत्मबल के साथ स्थान और मान दिया सो साधुवाद पूरी संकल्प नाट्य समिति को और वंदन स्वर्गीय आनंद वी आचार्य जी की पुण्य आत्मा को आज उनके जन्म तिथि पर मात्र भाषा दिवस पर ! बधाई मास्टर अभिषेक आचार्य को इस लिए की संकल्प को सुचारु रखने का संकल्प अपने कंधो पे ले लिया है ! मैं तुम्हारे साथ हूँ मास्टर अभिषेक कला और कलाकार के संगरक्षण के कर्म में !
जो हुआ वो बेहतर था और जो आगे होगा वो और बेहतर होगा इस संकल्प के साथ रंग आनद नाट्य समारोह 2025 सम्पन हुआ ! आज बीकानेर में !
so here i write about it .. Rang Anand theater festival 2025 ..
yogendra kumar purohit
Master of fine Art
Bikaner, INDIA
2 comments:
हृदय के गहनातिगहन तल से की गई भावाभिव्यक्ति I
Thank you so much yogendra ji... Your words are so important for me. As I said previously... You are a great keen observer ....
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