Thursday, July 31

Art Vibration - 331



NATURAL CANVAS IS IN UNDER PROCESS OF NATURAL PAINTING-II


Friends it is a second post on a same matter of  my art work . so I give same title to this post with number II , it is must because it is true sound of  my art work journey  of this days . I am busy continue  in work of natural painting by natural format that is farming . 

 I were created a big canvas ( farmland 825X825 fit’s squire ) , but in this creation of canvas work I were facing many type troubles every day and I am doing fight to that trouble or  to that critical condition by way of peace and patience . 

This natural canvas creation work is pulling  my all time and energy of Mind , but I am feeling nice after fight to that critical condition because I am working for nature by way of natural art work . in this case I am teaching to my farm land neighbor’s , they are not on way of natural environment creation so its duty of art and art master if they teach to them , so I am doing exercise of teaching to them by way of natural farming with rights of farmland .

Here on online every day I am sharing  my art exercise report in Hindi note .so that’s link and copy  for your visit and reading or notice too.

 I sure  you will notice and like to  my natural art exercise about natural painting on natural canvas. 

 1.https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10203203571784783&set=a.1159622585403.2025211.1072945182&type=1&theater

  
मित्रों आज का दिन भी बिता पडोसी खेत के मालिक को समझाने में !उनके बाल हठ को छुड़ाने में ! भारत सरकार के नियम को सम्मान देने में ! इस क्रम में आज हमें सहयोग मिला गुडा गांव के मौजिज व्यक्तित्व का और साथ में नासिर खां जी का ये दोनों व्यक्तित्व आज हमारे साथ कोई दो घंटे तक प्रयास करते रहे की किसी भी प्रकार से भैर जी पालीवाल को समझा सके खेत की १५ से २० फिट की भूमि को पटवारी श्री बंशीलाल जी की पैमाइश के आधार पर छोड़ देने के लिए ! पर हुआ ये की भैर जी पालीवाल उनके सामने ही नहीं आये ! सो उन्हें जो सीधे सीधे कहना वो वे नहीं कह सके ! पर इस बीच उन्होंने मोतीलाल पालीवाल और सांखला गांव के मौजिज व्यक्तित्व श्री मगजी पालीवाल जी से बात की ! मगजी बोले जब बात पटवारी की है तो मेरा कोई रोले नहीं इस बात से मै अलग होता हूँ और ये कह कर वे अपने घर को चले गए ! मोती लाल पालीवाल ने फिर से वही राग अलापि , की पटवारी की पैमाइश गलत है , हमने जो पैमाइश दी वो सही है जिसे ये यानी की हम मान नहीं रहे है ! दरअसल मोती लाल जी को ये ज्ञात ही नहीं की कोन सा मुरब्बे का पत्थर किस मुरब्बे से आकर मिलता है और वे बाते इतनी लम्बी चौड़ी करते है जैसे की वे ही स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के समय के जागीरदार है और चक बाँदा १ उनकी जागीरी ! पर फिर भी मौजिज मदन जी गुड़ा और जनाब नशीर खां जी ने बात को समझते हुए एक और रास्ता बनाया ! कहा की ये अपने पटवारी को बुलाते है और आप अपने पटवारी को बुलाओ और फिर पैमाइश करो और जो फैसला हो उसे मानो इस गतिविधि के लिए उन्होंने दो दिन के इंतजार का भी कहा है हमें सो हम दो दिन और इन्तजार करेंगे ! भारत सरकार के नियम की गरिमा के लिए सम्मान के लिए क्यों की शांति से ही समाधान और समझ का रास्ता बनता है ये मेरी शिक्षा ने मुझे समझाया है सो एक और शांति का प्रयास मौजिज व्यक्तित्व के कहने पर हम करने को तैयार ! उन मौजिज व्यक्तित्व यानि की श्री मदन जी और जनाब नशीर खां जी से हम उनके घर मिले गुड़ा में जाकर हमारे साथ थे पडोसी खेत के सुल्जे हुए रखवालीदार श्री लाल जी सांखला ! अंत में आज सारी बहस होने के बाद हमें ये आभास हुआ की डेरे से हमारी नियमित और सटीक बात को पूरा सहयोग और संगरक्षण मिला है वरिष्ठ समाज सेवक श्री मान देवी सिंह भाटी जी का ! उन्होंने हमारे २५ बिगा खेत पर पडोसी खेत के मालिक की अनीति पर गौर ही नहीं किया बल्कि उस विषय को शांति और समझाइश से समाप्त करने की पहली कोशिश की और पडोसी खेत के मालिक को समझाया की आप संतुष्ट नहीं खेत की पैमाइश से तो अपने पटवारी को सूचित करो और उसके जरिये आप अपना खेत नपवाओ ! ये बात उन तक सम्प्रेषित की गुड़ा गांव के मौजिज व्यक्तित्व श्री मदन जी और जनाब नशीर खां जी ने सो उनको मेरी और से साधुवाद !
आज हमने भी दया का त्यागा किया हमारे पडोसी खेत के मालिक के लिए उनकी बेरुखी के स्वभाव के कारण उन्हें फ़ोन करने के बाद भी वे सामने नहीं आये बात करने को ! सो हमने भी उन्हें संदेसा भिजवाया हमारे खेत के रखवाली दार से की उन्हें कहे की हमारे खेत की बाड़ के तारों से अपनी जाली हटाये और हमरी पटी पर अपने तार न अटकाए और न ही जाली ! इतने दिनों हमने उनके खेत की फसल को संगरक्षण भी दिया था हमारे खेत की बाड वाली पटी और तार से पर अब लगता है वे दया और स्नेह के पात्र नहीं है ! हमारे आदर , प्रेम ,स्नेह , और दया के प्रतिफल में वे हमें दे रहे है पीड़ा , परेशानी ,बे वजह की द्वंदात्मक स्थिति , अनीति ,और उपेक्षा जो अब बर्दास्त नहीं होती बे वजह !
अब अंतिम उम्मीद हमें डेरे से ही है हमारे खेत की २५ बिगा कृषि भूमि के लिए सो समाज सेवी, हुकुम श्री देवी सिंह भाटी जी की। जय हो …

2.https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10203193687017670&set=a.1159622585403.2025211.1072945182&type=1&theater

मित्रों कल तीन बजे से लेकर ६ बजे तक मैं व्यस्त रहा मेरे ममेरे भाई इंजीनियर विष्णु व्यास साथ गूगल अर्थ सॉफ्टवेयर पर मेरे स्टूडियो में ! हमने हमारे द्वारा की गयी जी पि एस की पैमाइश की मशीनी गणना के आधार पर गूगल अर्थ सॉफ्ट वेयर पर मिलान या जांच कहूँ तो सही रहेगा, की और पाया की जिन तीन खेतों को आधार बनाकर हमने जो पैमाइश जी पि एस से की वो एकदम सही थी ! फिल्ड की पैमाइश को गूगल अर्थ ने भी सही प्रमाणिकता दी , जिसकी खबर हमने हमारे चकबंदा १ के पटवारी बंशीलाल पड़िहार जी को भी दी और उसके बाद मैंने एक प्रिंट आउट लिया चकबंदा २ की सीमा से लेकर मढ हल्का क्षेत्र की सीमांत तक की हमारी जी पि एस की पैमाइश के चिन्ह और दुरी के माप को रेखागणित की रेखाओं के साथ ।
यहाँ आप के अवलोकन के लिए हमारे द्वारा ली गयी पैमाइश और गूगल अर्थ द्वारा प्रमाणित की हुई गणना के प्रिंट आउट की इमेज कॉपी , ताकि आप भी जान सके की हमने जी पि एस से भूमि की गणना करते समय कितनी एक्सरसाइज की उन चार घंटे के समय में और कितना क्षेत्रफल हमने पद चाप कर के मापा सरकारी पटवारी जी की पैमाइश को आधार मान कर और पडोसी खेत के मालिकों को तकनिकी पैमाइश सम्बन्धी नए माधयम के लिए शिक्षित करने बाबत जी पि एस की पैमाइश की गणना के साथ ! अब भी अगर खेत के पडोसी ना समझे तो ये विफलता भारत सरकार के नियमों और व्यवस्था की विफलता ही मानी जायेगी क्यों की देश के विकास के क्रम में देश के गाँव अभी शिक्षित और समझदार होने में बाकी ही रहे है। जय हो …


3. https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10203188453526836&set=a.1159622585403.2025211.1072945182&type=1&theater


मित्रों कल दोपहर बारह बजे से आज की दोपहर एक बजे तक लगातार हमारे खेत में बिजाई का काम चला कला तर्क के हिसाब से प्राकृतिक चित्रण का कार्य प्राकृतिक तरीके से , अच्छी बरसात होने के कारण हमने खेत में तवी नाम के उपकरण से ट्रैक्टर से बिजाई का काम शुरू किया जो लगातार २० घंटे चला बिना किसी विराम के ! एक तरफ खेत में तवी से बिजाई हो रही थी तो दूसरी तरफ मै मेरे ममेरे भाई जो की इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियर है उसके सहयोग से जी पी एस मशीन से हमारे खेत की पैमाइश की प्रमाणिकता को पुनः परखा ! इस बार हमने अपने स्तर पर मुरब्बा बंदी की व्यवस्था का परिक्षण तीन खेतों को एक साथ आधार बना कर किया जिसके लिए हम चकबंदा एक से चकबंदा दो की सीमांत तक गए काफी चलना पड़ा पर परिणाम उत्साह वर्धन वाले मिले ! हमारे खेत का मुरब्बा बंदी का चिन्ह एक दम सटीक और प्रामाणिक पाया गया जी पी एस की गणना के आधार पर की गई पुनः पैमाइश से ! इस बीच विगत दो दिनों में हमारे खेत के पडोसी लोगो ने भी उस मुरब्बे बंदी के चिन्ह को परखा परंपरागत पैमाइश के अनुसार वो भी सटीक ही मिली ! पर जिस कोण पर १५ से २० फिट का गोलमाल पडोसी खेत के मालिक ने किया है उन्होंने पटवारी श्री बंशीलाल पड़िहार जी के पैमाइश चिन्ह को ख़ारिज करते हुए एक नया चिन्ह हमारे खेत में २० फिट और अंदर दर्शाते हुए सन्देश भिजवाया था की सही पैमाइश ये होगी अब आप के खेत की ! तो कल हमने उनके दिए हुए चिन्ह को भी आधार मान कर पैमाइश की और पाया की २० फिट का ये अंतराल चकबंदा २ की सीमांत में जाता है जो की नौ मुरबों की सीमा है !ये एक हास्य स्पद पैमाइश का नमूना दिया हमें हमारे पडोसी खेत के मालिकों ने ! कुल मिलाकर ४ घण्टे की माथा पची करने के बाद हमें आत्मविस्वास बना हमारे खेत की पटवारी जी के द्वारा दी गयी पैमाइश का ! क्यों की हमने उनकी पैमाइश के आधार वाले मुरब्बा बंदी के चिन्ह को जी पि एस मशीन के जरिये चारो दिशाओं से मापा और सभी दिशाओं और कोण से पटवारी श्री बंशी लाल जी की पैमाइश सत प्रतिशत सटीक और खरी पायी गयी पुनः जी पी एस की पैमाइश में ! इस बीच हमने चकबंदा २ के नौ मुरब्बा खेत में संगृहीत मुरब्बा बंदी के पत्थर को भी हमारे खेत के मुरब्बा बंदी के चिन्ह वाले पत्थर से मिलान किया और बराबर छ खेत का अंतराल स्पस्ट माप के साथ पैमाइश में आया ! अब कोई गुंजाइश ही नहीं पडोसी खेत के मालिकों की गोलमाल बातो और बेतरकी पैमाइश का क्यों की हमने चकबंदा २ से लेकर मढ सीमांत तक के क्षेत्र को माप लिया चारों दिशाओं और कोण से जी पी एस मशीन के द्वारा , सम्भवतः आज उस पैमाइश का गूगल अर्थ पर पूनः परिक्षण और स्पस्टीकरण लेंगे दिशा और कोण के हिसाब से ताकि सही सही आंकड़े और दुरी ज्ञात हो सके पडोसी खेतों की !
पैमाइश के कार्य में मेरे अलावा मेरे ममेरे भाई इंजीनियर के साथ पडोसी खेत के रखवालीदार श्री लाल जी सांखला भी हमारे साथ मौजूद थे ! उन्होंने भी हमें काफी मदद करी मुरब्बे बंदी के चिन्ह कोण बताने में परंपरागत मुरब्बा बंदी के कायदे के मुताबिक जो जी पि एस मशीन की पैमाइश के लमसम ही निकले थे !

यहाँ आप के लिए एक फोटो आज सुबह के आराम के पलों का काफी मशकत कुछ फुर्सत के पल मेरे प्राकृतिक चित्र फलक ( खेत ) के साथ ! जय हो..

 4.https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10203169496892932&set=a.1159622585403.2025211.1072945182&type=1&theater


मित्रों आज का दिन भी बिता कुछ और सकारात्मक प्रयास के साथ , खेत के प्रकरण के बारे में ! सुबह का समय बिता समाज सेवक और पुष्करणा समाज के वरिष्ठ व्यक्तित्व श्री राम किशन आचार्य जी के घर ! पर उनसे संवाद न हो सका ! फिर मैंने अपने आप को दिशा दी सी ऐ डी ऑफिस की और वहाँ पुराने परिचित स्टाफ के सदस्य श्री सांखला जी ( जिनसे मुलाकात २००३ में कला कुम्भ नाम के राष्ट्रीय कला शिविर के दौरान हुई थी , वे एक सरल व्यक्तित्व है साथ में मददगार भी है ) से मुलाक़ात की उन्होंने मुझे उपनिवेशन विभाग के कमिशनर ऑफिस का रास्ता दिखाया ! वहाँ पर मुझे निजी सचिव उपनिवेशन विभाग कमिशनर श्री महेश बत्रा जी से मिलने का अवसर मिला ! वे भी कला कुम्भ नाम के राष्ट्रिय कला शिविर में हम कलाकारों के लिए व्यवस्था में जुटे थे ! उन्होंने भी मुझे पहचाना और मुझे सही मार्ग दर्शन दिया। खेत के कागज देख कर उन्होंने पुलिस कारवाही करने की ही सलाह दी हमारे खेत के पैमाइश के आदेश और खेत की वस्तुस्थिति देख कर , ठीक वैसे ही जैसे की उपनिवेशन विभाग के तहसीलदार जी ने दी थी ! तो एक बात तो पक्की हुई की सरकार की तरफ से हमारा खेत सही और पुख्ता पैमाइश लिए हुए है ! हम आधिकारिक रूप से पुलिस कारवाही कर सकते है ! पर फिर भी मेरा मन और विचार कहता है की प्रेम और समझाइश का रास्ता अभी बाकि है !
सो आज राजस्थान संपर्क समाधान नाम की सरकारी हेल्प लाइन वेब साइट पर भी मैंने हमारे खेत की वस्तुस्थिति को स्पस्ट करते हुए वहाँ रिपोर्ट दर्ज की कलेक्टर ऑफिस में जाकर , मन तो कलेक्टर साहब से मिलने का भी किया पर फिर मन को रोक और संपर्क समाधान को ही सही समाधान माना हमारी इस अल्प समय की समस्या के लिए !संपर्क समाधान वेब साइट के माध्यम से अख़बार के मुताबकि तीन रोज में कारवाही हो जानी है सो इन्तजार इस शांति पूर्ण प्रयास के स्तर का । राजस्थान संपर्क समाधान वेब साइट पर समस्या को दर्ज करते ही मुझे मेरे मोबाइल पर पंजीयन की सूचना भी तुरंत प्रेषित कर दी गई संपर्क समाधान वेब साइट के जरिये ! सो आभार राजस्थान सरकार के इस प्रगतिशील प्रयास के लिए जो की संपर्क समाधान के रूप में हमारे बीच रचा गया है सो इसके लिए राजस्थान सरकार की जय हो !

घर आकर मैंने हमारे पडोसी के खेत जो की मढ़ सीमांत क्षेत्र में आता है उसके पटवारी का पता लगाया तो पता चला की मढ़ हल्का क्षेत्र का पटवारी श्रीमती चेतना शर्मा है ! तो उनसे संपर्क साधा और उन्होंने बताया की आप तहसील कोलायत में आकर मिले ऐसे बात फ़ोन के माध्यम से सो खेत में पडोसी के द्वारा अतिक्रमण के प्रकरण को सही दिशा पटवारी मढ़ हल्का क्षेत्र के जरिये मिल सकेगी ऐसा मेरा मत है ! क्यों की मेरे पिताजी के अनुसार वो खेत जिसे भैर जी पालीवाल अपना कह रहे है वो अतीत में सन १९६ - ७० के समय खेतों का कच्चा मार्ग हुआ नक़्शे की नक़ल हमारी पुरानी फाइल में मौजूद है ! तो ये एक और नया विषय समाने आया आज क्यों की हमारे खेत की एक सीमांत पर कच्चा रास्ता कोलायत जाया करता था आज वो रास्ता नहीं है वहा भैर जी पालीवाल का खेत हो गया है ये बात गौर करने की है और सर्वेक्षण की भी पुराने नक़्शे के हिसाब से !
कुल मिलाकर नियम वही लोग वही पर फिर भी वस्तुस्थिति भिन्न भिन्न इन विघत वर्षों के उपरांत उपनिवेशन विभाग के क्षेत्र में… जय हो

 5.https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10203157865362151&set=a.1159622585403.2025211.1072945182&type=1&theater


मित्रों आज का दिन कई रंग लिए हुए था ! खेत के प्रकरण सम्बन्ध में आज हम मिले श्री देवी सिंह जी के पि ऐ से उन्हें सारी बात स्पस्ट बताते हुए इस बात से रूबरू करवाया की कैसे गुणिया से बध गुणिया हुए पडोसी अब सरकारी पैमाइश व् तहसीलदार जी के आदेश को स्वीकार करने से भी मुकर रहे है !
ऐतिहासिक स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के मुरब्बा बंदी के साथ मकोल जो हुई है उसे स्पष्ट करने के लिए आज मैं पहुंंचा महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट ! वहां मैंने एक प्रार्थना पत्र प्रेषित किया स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के समय के बिरानी क्षेत्र के मुरब्बा बंदी के नक़्शे की नक़ल के लिए ! नक्शा तो आज रिकॉर्ड रूम में नहीं मिल सका पर स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के समय की बिरानी क्षेत्र के नियमो की फ़ाइल मिली ! जिसमे महत्वपूर्ण नियम व शर्त बिरानी क्षेत्र के खेत और खातेदारों के लिए स्पस्ट किये हुए थे !
१ बिरानी क्षेत्र के खेत बेचे नहीं जा सकते , नियमों में उसके लिए कोई अनुमति नहीं ! किसी भी परिस्थिति में !
२ कृषि भूमि को सिर्फ कर्षी के सिवाय किसी और कार्य के उपियोग में लेने की कोई अनुमति नहीं होगी !
ऐसे कई नियम जागीरदारों और तहसील सन्दर्भ में पढ़े और जाने ! जिनको बनाने वाले थे स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के दफ्तर के आला अफसर मास्टर रुड़किन !
पर आज बिरानी क्षेत्र के नियमों की साफ़ साफ़ मकोल होती जा रही है ! कृषि भूमि का उपियोग व्यावसाय के लिए किया जा रहा है ! खेतो मुरब्बों को गुप्त रूप से बेचा जा रहा है ! यहाँ तक की खेतों की मिटटी को कृषि के उपियोग में ना लेकर उनकी ईंटे बनायी जा रही है कृषि भूमि की मिटटी बेचीं जा रही !मिटटी बिकते ही खेत बिका सा ही होता है ! इसका एक उदाहरण हमारे खेत के पडोसी मोती पालीवाल का खेत है ! उसने अपने खेत की मिटटी बेचडाली और खेत अब खत्म सा ही है ! इसे क्या कहेंगे आप ?
मुरब्बा बंदी चिन्ह भी लगभग न के समान ही बचे है ! सो ये गौर करने की बात है ! की ऐसा हो रहा है स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह के बिरानी क्षेत्र के नियमों के साथ ?पर क्यों ?
उम्मीद करता हूँ की महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट के अधिकारी इस विषय पर कोई ठोस कदम उठाएंगे और स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के समय की बिरानी क्षेत्र की नियमावली और व्यवस्था को पुनः व्यवस्थित करेंगे ! क्यों की ये प्रकृति और गरीब किसान के जीवन का आधार है !

इस सन्दर्भ में आज श्याम के समय मैंने दैनिक भास्कर समाचार पत्र के संपादक श्री मित्र मधु आचार्य जी को भी इस विषय से अवगत करवाया और हमारे खेत की पैमाइश के उपरांत घटित हुए घटना क्रम को भी सुनाया ! पडोसी खेत के खातेदार की मूल समस्या से भी उन्हें परिचय करवाया की एक खेत के दो टुकड़े उन्होंने बिरानी क्षेत्र नियम को तोड़ते हुए करलिये और आधा आधा अपने अपने हिस्से ले लिया ! हिसा करते समय के हमारे खेत का भी लगभग १७ से २० फिट हिस्सा खेत में शामिल कर लिया और बाड़ करदी ! अब जीपीएस से उत्तरी दक्षिणी गोलार्ध के हिसाब से और बिरानी मुरब्बा बंदी के नियम के तहत हमारी जमीं उनके आप मते खेत के किये गए बंटवारे की जमीं में से निकलती बरदाशत नहीं हो पा रही , जो अनीति ही कही जाएगी !
मधु जी ने सब कुछ सुनकर सुबह आठ बजे बात करने को कहा है ! सो कल आठ बजे तक का होगा इन्तजार , शायद इस इन्तजार के बाद पूर्ण होगा सम चौरस खेत का मेरे स्वर्गीय दादा जी श्री बुलाकी दास जी पुरोहित का सपना साकार ! जय हो। …
6. https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10203153138283977&set=a.1159622585403.2025211.1072945182&type=1&theater

 
  
मित्रों आज का दिन बिता तहसील कोलायत में कपिल मुनि की शरण में ! आज एकादसी का उपवास था स्वर्गीय नानी जी के लिए ! सो बिना अन ग्रहण किये तेज गर्मी में मैंने पूरा दिन तहसील और कपिल मुनि के धाम में गुजारा ! कारण था की पटवारी जी को रिपोर्ट करनी थी की हमारे खेत के चारों कोने की सरकारी पैमाइश को पडोसी खेत के मालिक भैर जी ने ख़ारिज करते हुए कहा की ये गलत है और कोने के स्थान पर पिलर के निर्माण के काम को भी रुकवादिया ! पटवारी जी ने एक बार फिर भैर जी से बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की पर वे समझ नहीं पाये या समझना नहीं चाहते राम ही जाने ! फिर मैंने पटवारी जी को सूचित करते हुए वही बात तहसीलदार जी से कही उनके कमरे में जाकर उन्होंने भी कहा की आप के कागज और खेत की पैमाइश सही है आप तो काम सुरु करो और अगर कोई बाधा डालता है तो पुलिस का सहयोग लो ! तो मैंने कहा पडोसी भैर जी बुजुर्ग है समझदार है आप के कहने से मान सकते है आप अधिकारी है आप के आदेश की पालना उन्हें करनी पड़ेगी क्यों की हम सरकारी नियम के उपरांत काम करने जारहे है बाड़ बंदी का जिसे वे रोक रहे है क्यों की हमारे खेत की जमीं अब तक उनके पास थी जो अब उन्हें सही पैमाइश के हिसाब से वापस देनी पड़ेगी ! वो उनके लिए पीड़ा का विषय है सो आप के पाबन्द करने पर वे मान जाएंगे आप की बात ! तहसीलदार जी ने स्पस्ट कहा की हमने आप को सही खेत की पैमाइश देदी है और हमारी लिमिट इतनी ही है इस से आगे हम कुछ नहीं कर सकते ! और मैं किसी के आगे जाकर हाथ जोड़कर नहीं कहूँगा की आप काम न रोके ये मेरा काम नहीं, मैंने पुनः विनम्र होकर कहा की आप अधिकारी है आप के पास अधिकार है सरकारी काम में बाधा डालने वाले व्यक्ति को पाबंद करने का पर वे न माने और मै मायूस होकर उनके कमरे से बाहर आगया ! फिर मैंने भैर जी से तहसीलदार जी की बात फ़ोन से साझा की तो वे बोले मेरी तबियत ठीक नहीं आप मोती जी पालीवाल से बात करे जो मुझे नहीं लगा की ये उचित है ! बाधा भैर जी डाले और बात मोती जी से ये ठीक नहीं लगा सो फिर मैं सांखला खेत के दूर के पडोसी श्री मगजी पालीवाल के घर गया इनसेट से लिए नक्से की फोटो कॉपी देने ! वहाँ उनके पढ़े लिखे बेटे सी ऐ के विद्यार्थी सीताराम को वो नक्शा पकड़ाया और उसने समझते हुए बात और नक़्शे को मुझे अस्वस्त किया की मैं पिता जी से कहूँगा और ये नक्शा भी उन्हें दे दूंगा ! वे भैर जी को संतुस्ट कर देंगे !
वहाँ से मैंने मगजी के फ़ोन नंबर लिए और उन्हें कॉल किया तो वे देवी सिंह जी के डेरे बीकानेर आये हुए थे ! मोतीलाल जी पालीवाल और अन्य खेत के खाते दारों के साथ ! सो देवी सिंह जी के डेरे के आगे उनसे बात हुई मैंने नक्शा दिखाया वे कागज और नक्शा देख कर बोले कल खेत आओ फीता लेकर मैं पैमाइश कर के तुम्हारी जमीं ८२५ गुना ८२५ फिट तुम्हे दे दूंगा और भैर जी को भी संतुष्ट कर दूंगा !मैंने कहा पिछले तीन दिन से मैं उन्हें हर रोज संतुष्ट करने की कोशिश कर रहा हूँ ! वे सब कुछ समझने के बाद भी ये स्वीकार ने को तैयार नहीं की हमारे खेत को पैमाइश के बाद ही सम चोरस आकर मिला है उस से पहले वो बधगुणिया ही था ! इस क्रम में मैंने उन्हें फीते से माप कर , मुरब्बे के पत्थर से कम्पास का कोण मिलाकर , गूगल मैप के चित्रों से ९० डिग्री के कोण की उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की दिशाए दिखाकर भी बात को समझने की कोशिश की और वे नहीं समझे और आप कह रहे हो कल खेत आओ मै उन्हें पैमाइश कर के समझा दूंगा आपके समझा देने के बाद भी अगर हम काम शुरू करने लगे और फिर उन्होंने बाधा डाली तो हमारा कल का दिन फिर ख़राब और आने जाने में अतिरिक्त तेल की खपत बे वजह हो जाएगी और मेरा कला कर्म का समय जाया होगा वो अलग ! इतना कहते ही श्री मगजी पालीवाल कड़े शब्द बोलते हुए डेरे की और चले गए फिर मोती जी ने भी काफी कोशिश की मुझे ये समझाने की की हम तुम्हे ८२५ गुणा ८२५ फिट की जमीं दे देंगे ! आप गौर करे जमीं सरकार की , स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के समय की और पैमाइश कर के देंगे वे खाते दार तो फिर सरकार और तहसीलदार पटवा और पटवारी जी की कहा जरूरत पड़ रही है भारत सरकार को ! और क्यों.? जब वे जमीं दे रहे है पैमाइश कर के अन्य खाते दारों को ? एक और हास्य स्पद बात की हमें जमीं वे पैमाइश करके देंगे और अपनी जमीं की पैमाइश वे पटवारी बंशीलाल जी से ही करवाएंगे या ये उनकी मज़बूरी है ? ये बात भी आप के गौर करने की है !
वैसे तहसील दार जी ने हमें कह दिया है की आप अपना काम शुरू करे आप की पैमाइश सही है खेत मुरब्बा बंदी के हिसाब से ही है स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के गुणिये वाली मुरब्बा बंदी है ! उन्होंने सलाह दी की आप के काम में अब कोई बाधा डाले तो आप पुलिस का सहारा ले ! पर मैं सोचता हूँ अभी रस्ते और भी है स्नेह और प्रेम से समझने के बात गणित और रेखा गणित को समझने की है जिसे हमारे पडोसी खेत के मालिक समझ कर भी ना समझी सी बात कर रहे है ! उम्मीद है कोई तो समझेगा और कोई तो उन्हें समझायेगा की सरकारी जमीं सरकार के हिसाब से हिसाब से नापी जाती है खातेदारों के हिसाब से नहीं। जय हो

फाइल फोटो २०१२ का लिया हुआ गूगल से ये प्रेषित किया हुआ पैमाइश की प्रार्थना पत्र २०१२ था ! जिसकी पैमाइश जुलाई २०१४ को सम्पन होक हमें हमारा खेत सम चोरस प्राप्त तो हुआ है भारत सरकार से , पर पुख्ता प्रमाणित अभी बाकी क्यों की इसमें बाधा है पडोसी भैर जी की तरफ से !

7. https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10203146424756143&set=a.1159622585403.2025211.1072945182&type=1&theater
 

 मित्रों आज दोपहर के बाद का समय फिर से गुजरा हमारे खेत में ! आज काम शरीर से कम दिमाग से ज्यादा था और जरुरी भी आगे के व्यवस्थित काम के लिए राजस्थान सरकार के हिसाब से ! सो हम आज पहुंचे हमारे खेत कुछ प्रिंट आउट लेकर इनसेट से लिए हुए गूगल मैप्स के चित्र जो हमारे खेत के क्षेत्र चकबंदा एक से थे ! मैंने एक चित्र सीधा गूगल मैप इमेज का प्रिंट रूप में तैयार किया तो दूसरा फिल्ड्बूक के हिसाब से ग्राफ के साथ ! दोनो रंगीन प्रिंट जिनका खर्च भी लगभग ५० रूपए आया था ! पर ये जरुरी था आज के काम के लिए ! मैंने खेत के पडोसी पालीवाल परिवार के सदस्यों जिनमे भैर जी पालीवाल और मोती लाल पालीवाल को आग्रह किया उन्होंने देर सवेर आकर मुझे और मेरे आग्रह को महत्व दिया ! मैंने उन्हें पहला प्रशन ये पूछा की क्या महाराजा गंगा सिंह जी के समय के मुरब्बा बंदी के पत्थर या चिन्ह रेखागणित के हिसाब से गुणीये में है क्या ? तो उन्होंने कहा बिलकुल है और कोई फर्क नहीं उनके गुणीये में होने में ! तो मैंने फिर खेत के प्रिंट आउट रखे उनके सामने पहले बिना ग्राफ का खेत का नक्शा जिसमे हमारा खेत बधगुणीया यानी की नुबे डिग्री के कोण से बाहर ! मैंने एक कागज के सहयोग से खेत के बधगुणीया कोनो को मैप कर बताया और उन्हें फर्क नजर आया और उन्होंने उसे स्वीकारा की खेत बधगुनिया में है ! फिर मैंने ग्राफ वाले नक़्शे को उनके सामने रखा जिसमें मैंने रेखा गणित के ग्राफ फॉर्मेट से खेत को गुणिये में लिए हुए का प्रिंट दिखाया और उन्हें बताया की फर्क कहा है और कैसे है ! खेत की मुरब्बा बन्दी स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी के समय से आज तक भी गुणिये में ही है खेत के खातेदारों ने उसे बाड़ बंदी के जरिये बधगुणीया में तब्दील कर दिया है ! इस बीच हमने उन्हें उत्तर और दक्षिण दिशा के सूचकांक यानी की कम्पास से भी उन्हें बताया की पटवारी श्री बंशी लाल जी के द्वारा माप कर के दिए गए हमारे खेत के कोने एक दम गुणिये में और सही दिशा में है उसमे रति भर का भी फर्क नहीं ! पैमाइश गलत नहीं !
मैंने एक फोटो कॉपी जो की नक़्शे की नक़ल थी वो पडोसी खेत के मालिक मोती लाल पालीवाल जी को पकड़ाई ये कहते हुए की आप इसे किसी और अनुभवी व्यक्ति को भी दिखा दीजियेगा आप की तसली के लिए ! उन्होंने कहा मै तसली कर लूंगा आप भैर जी को तसली करवाइये सो आप इन्हे श्री मगजी पालीवाल जी के पास लेजाइये वे ही संतुष्ट कर सकेंगे इन्हे आप की बात के लिए !
नक़्शे की हिसाब से फिते से मुरब्बा बंदी के चिन्ह वाले पत्थर से लेते हुए पडोसी खेत के मालिक भैर जी पालीवाल के खेत के दोनों सिरे उनके सहयोग से मापे और पाया की चिन्ह वाले दोनों कोने सही ४१२. फिट निकले और पीछे के दोनों कोनो में २० फिर का फर्क जो की पटवारी जी ने हमें हमारे खेत के कोने देते समय बधगुनिया से गुणीया में लेकर बताये थे ! जिसे पडोसी मालिक भैर जी जान तो गए पर मान नहीं पाये ! उल्टा उन्होंने पटवारी जी की पैमाइश को ही गलत शाबित करने की कोशिश और हमें काम को गति देने से रोका हमारे खेत की बाड़ बंदी के काम के दौरान !
आज मैंने एक दृश्य कला के डॉक्टर के रूप में इलाज सा ही किया दो दिमागों का जो रेखा गणित की भाषा और कोण नहीं समझ पा रहे थे ! फिल्ड बुक गणित में ऐसे ही नहीं जोड़ा गया है अध्ययन के लिए! ये बात वे नक़्शे के प्रिंट और नक़्शे में गुणिये के कोण उन्हें समझा रहे थे ! कई दिनों से उनसे बात करते करते और उनकी मानसिक स्थिति के साथ के साथ वैचारिक स्तर को समझते हुए मुझे महसूस हुआ की वे जब तक फिल्ड बुक के चित्र हूबहू रूप में न देखलेंगे तब तक बात जहां की तहाँ अटकी रहेगी सो उन्हें शिक्षित करना जरुरी दृश्य कला के जरिये रेखागणित और फिल्ड बुक के अध्ययन खातिर ! इस ऑपरेशन में मुझे मदद की गूगल मैप्स ने , बीएसएनएल इंडिया के नेट कनेक्शन ने, फोटोशॉप के ग्राफ फॉर्मेट ने और प्रिंटर ने ! रंगीन चित्रों से खेत और मोके की स्थिति एक दम स्पष्ट हो रही थी हर खेत और उसकी तार बंदी अपने आप बधगुणीया की कहानी भैर जी और मोती जी के सामने के स्पस्ट कर रही थी ! और उन्हें समझ भी आ रहा थे की उन्हें अब तक क्या समझ नहीं आ रहा था ! कुल मिलाकर हमने आज एक और प्रयास किया पडोसी खेत के मालिकों को समझाने का की हम जो खेत की बाड़ बंदी करने जा रहे है वो एक दम सही और गुणिये में है ठीक वैसे ही जैसे की स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी ने गुणिए की मुरब्बा बंदी की थी चक बाँदा एक के लिए ! और इस दौरान ये भी तय हो गया की पटवारी बंशीलाल जी ने जो पैमाइश की वो एकदम गुणिये में थी उसमे कोई भी फर्क या गलत नहीं था ! गलत थे तो पडोसी खेत के खातेदार जिन्होंने मुरब्बा बंदी के चिन्ह मिटाये ,और गुणिये वाले खेतों को बधगुणीया कर के अनावश्यक विवाद और समय की बर्बादी के कारण बनाये ! खरे शब्दों में कहूँ तो सरकारी काम में रोड़े अड़ाए ! कृषि भूमि के ऐतिहासिक सबुत मिटाये !
यहाँ एक फोटो आप के अवलोकन के लिए , मेरी दृश्य कला के जरिये किये गए ऑपरेशन का ! दृश्य कला के तहत फिल्ड बुक के ओजार से दो खेत के खातेदार हुए , करने को स्वीकार की हमने स्टेट ऑफ़ महाराजा गंगा सिंह जी की मुरब्बा बंदी के गुणिये वाले खेतों को बधगुणीया का दिया है आकार , पटवारी की पैमाइश को भी दिया हमने नकार , समय को भी जाया किया हमने यूँ बेकार ! अंत तो गत्वा महाराजा गंगा सिंह जी के गुणिये के आगे गए वे हार , खेतों को बधगुणीया करने की कोशिश अब हुई उनकी बेकार ! मुझे नजर आरहा मेरे दादा जी का सपना होता साकार हरा भरा होगा उनका खेत और लेगा वो सम चोरस आकर ! जय हो

Here in this post   you have seen and noticed to my true art energy or exercise for natural canvas or natural painting .

 So here I said again  natural canvas  is in under process of natural Painting or its continue ..

Yogendra  kumar porohit
Master of Fine Art
Bikaner, INDIA

1 comment:

richard kushinsky said...

Since I;M unable to read the language, I can view the photographs. it looks like an amazing undertaking. Of course without farms and farming we who live in urban areas would starve without their work.Natural farming as we're coming to understand itis much healthier that all crops should be produced naturally without all the chemicals. keep up the good work