A
Speech
On
Modern
Art Of Bikaner
Seminar on Bikaner painting styles , by RAV BHIKAJI Society , Bikaner 2015 |
Last week I were
received a phone call of very senior or respectable writer of My City Bikaner , his name is Sir
Bhawani Shankar vyas vinod ji, he was demanded to me a art speech on modern art
of Bikaner actually he was wanted a
speech on my art journey for a seminar . he was wanted to me , if I express to myself art achievements.
But he was gave me title of that speech
that was Modern art of Bikaner .
So as a honest artist
of contemporary art I were judged for writing on modern art of Bikaner, I were
started that speech writing with historical art work repost of sir A. H. Mular
, he was lived in Bikaner and after Sir
Mular Bikaner was started modern art work in Bikaner.
Myself Giving Speech on Modern art of Bikaner |
In that speech I were
leaved to report of my art achievement of
modern art but I did shared our Bikaner modern art or that’s modern artists
through my speech .
I were wrote that in Hindi and on stage I were read that
in very fast motion because I were wanted
to save time of myself or that event , Here that speech copy
for your notice , I sure you will
translate that by good translator of our web world. Because I can’t translate it in English with right words ,it
is tuff for me so sorry .
Some visuals of that live
art speech presentation of myself , For your notice or observation.
https://www.facebook.com/yogendra.purohit.7/posts/10205040810514603
1. short report of that event in Hindi
मित्रों आज एक और प्रतिबंधन पूर्ण हुआ कला के लिए राव बीकाजी संस्थान की
खातिर ! पिछले सप्ताह मुझे फ़ोन आया साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद जी
का और उन्होंने बीकानेर की आधुनिक कला पर मुझसे एक टिपणी की मांग की विचार
गोष्ठी के लिए ! आज राव बीकाजी सस्थान ने वो विचार गोष्ठी नरेंद्र
सभागार में आयोजित की बीकानेर का कला वैभव : चित्रकला शीर्षक के साथ !
मैं मेरी शोधात्मक टिपणी आधुनिक कला पर लिख कर ले गया मेरे अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित चित्रकार महावीर स्वामी जी , ने मिनिएचर पेंटिंग पर अपनी टिप रखी . साहित्यकार अशफाक कादरी जी ने उस्ता कला पर अपनी टिप रखी , पेंटर भोज राज जी ने ऐ एच मुलर स्कूल पर अपनी टिप रखी तो मुरली मनोहर के माथुर जी ने फैब्रिक आर्ट पर अपनी टिप रखी !
विचार गोष्ठी के अध्यक्ष थे डॉ महेंद्र खड़गावत जी , विशिष्ठ अतिथि थे महापौर बीकानेर श्री नारायण चोपड़ा जी अतिथि के रूप में डॉ राकेश किराडू और मुख्य वक्ता थे साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद जी और विचार गोष्ठी का सञ्चालन किया साहित्यकार आत्मा राम भाटी जी ने !
यहाँ मेरी लिखी और प्रस्तुत टिप आप के पठन और अध्ययन के लिए साथ में विचार गोष्ठी के कुछ दृश्य छाया चित्रों के जरिये आप के अवलोकन हेतु। …
मैं मेरी शोधात्मक टिपणी आधुनिक कला पर लिख कर ले गया मेरे अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित चित्रकार महावीर स्वामी जी , ने मिनिएचर पेंटिंग पर अपनी टिप रखी . साहित्यकार अशफाक कादरी जी ने उस्ता कला पर अपनी टिप रखी , पेंटर भोज राज जी ने ऐ एच मुलर स्कूल पर अपनी टिप रखी तो मुरली मनोहर के माथुर जी ने फैब्रिक आर्ट पर अपनी टिप रखी !
विचार गोष्ठी के अध्यक्ष थे डॉ महेंद्र खड़गावत जी , विशिष्ठ अतिथि थे महापौर बीकानेर श्री नारायण चोपड़ा जी अतिथि के रूप में डॉ राकेश किराडू और मुख्य वक्ता थे साहित्यकार भवानी शंकर व्यास विनोद जी और विचार गोष्ठी का सञ्चालन किया साहित्यकार आत्मा राम भाटी जी ने !
यहाँ मेरी लिखी और प्रस्तुत टिप आप के पठन और अध्ययन के लिए साथ में विचार गोष्ठी के कुछ दृश्य छाया चित्रों के जरिये आप के अवलोकन हेतु। …
2. My speech on Modern art of Bikaner in HINDI ...
आधुनिक चित्रकला और मेरा शहर बीकानेर
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आधुनिक कला का अर्थ किसी भी विचार या कल्पना को स्वयं के स्वतंत्र प्रकटीकरण के यंत्र से अभिव्यक्त करना ! किसी विचार आयाम के साथ अभिव्यक्त करना ! वैसे समय का हर पल हमारे लिए नया और आधुनिक भाव लेकर आता है यही सृस्टि का नियम है अन्य था इतनी सारी संस्कृतियाँ हमारे इतिहास में नहीं मिलती जबकि हर संस्कृति का मुलभुत आधार एक ही है वो है रोटी कपडा और मकान !
बीकानेर में आधुनिक चित्रकला से प्रथम परिचय करने वाले चित्रकार थे सर एच . . मूलर , महाराजा गंगा सिंह जी के संगरक्षण में मूलर साहब ने बीकानेर में पहली बार तेल चित्रण पद्धति से बीकानेर को अवगत कराया ! मूलर साहब से पहले बीकानेर की चित्रकारी लोक कला , मथेरन कला , मिनिएचर कला यानी परंपरागत चित्रण शैली में ही व्यस्त थी पर मूलर साहब ने बीकानेर के कलाकारों के लिए एक नयी चित्रण पद्धति दी साथ में वेस्टर्न एनॉटॉमी का भी ज्ञान करवाया ! मूलर साहब से प्रभावित होकर बीकानेर के कलाकारों की एक पूरी खेप जो की आधुनिक कला से प्रभावित हुई , उन्होंने मुलर साहब की शागिर्दगी में यथार्थ शैली में चित्रण करना प्रारम्भ किया उनके अनुयायी रहे स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद शर्मा , स्वर्गीय अलाइ बक्श उस्ता और अलाई बक्श उस्ता के सभी शागिर्द जिनमे पेंटर भोजराज सोलंकी , श्री हनुमान सुथार , स्वर्गीय सूरज सिंह पंवार , पृथ्वी सिंह राजपुरोहित , इन्दर सिंह राजपुरोहित , स्वर्गीय आशा राम गोस्वामी जी , क्रांति चन्द्र स्वामी व् कुछ अन्य बीकानेर के अज्ञात कलाकार अज्ञात इस लिए क्यों की मैं उनके नाम नहीं जानता !
आज बीकानेर की आधुनिक चित्रकला के लिए मैं कुछ नाम गिना सकता हूँ और जिन्होंने बीकानेर की आधुनिक कला के प्रथम प्रहरी अगर कहूँ तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, इस क्रम में स्वयं स्वर्गीय महाराजा करणी सिंह जी, श्री आर बी गौतम साहब, स्व . प्रेम चंद गोस्वामी जी , स्व . रंजन गौतम साहेब , स्व . क्रांति चद्र स्वामी , श्री चन्द्र शर्मा जी , श्री हरी गोपाल हर्ष सन्नू जी , श्रीगोपाल व्यास जी और युवा कलाकरों में मास्टर मनीष शर्मा ,श्रीकांत रंगा, मालचंद पारीक , नविन स्वामी , नगेन्द्र किराडू , विवेक काकडा , अनुराग स्वामी , कमल किशोर जोशी , राधाकिशन शर्मा आदि !
बीकानेर को वास्तविक आधुनिक कला से पहला परिचय करवाया एच मूलर साहब ने और उनके तुरंत बाद बीकानेर के महाराजा करणी सिंह जी ने ! महराजा करणी सिंह जी के चित्र स्वतंत्र आधुनिक कला के सफल प्रमाण है क्यों की उनके चित्रो भाव प्रधान है आकृति प्रधान नहीं , सो उनके चित्र अत्यंत आधुनिकता लिए हुए है ! उन चित्रों का एक अच्छा खासा संग्रह लालगढ़ में संगृहीत है अवलोकन हेतु !
आधुनिक चित्रकला का विद्यार्थी हूँ सो ये कहाँ अच्छा लग रहा है इस मौके पर, कि एक बार मुझसे किसी ने पूछा की तुम्हारी ओकाद क्या है ? तो मेरे पास एक बहुत सटीक जवाब है की मै उस देश का वासिन्दा हूँ जहाँ के राजा भी चित्रकार रहे है और वो है मेरा देश बीकानेर ( आधुनिक समय में शहर बीकानेर ) …. !
आज समकालीन समय में बीकानेर की आधुनिक कला ने भी आधुनिकता को आत्मसात करते हुए विकास क्रम को जारी रखा है ! आज कला सम्प्रेषण संचार माध्यम से होने लगा है चित्रकला का क्षेत्र विकसित हो गया है आज आधुनिक समय में अधिुनिक कला किसी शहर या राज्य तक नहीं पुरे विश्व जगत तक पहुँच रही है इंटरनेट तकनीक के जरिये ! एक कलाकृति को ऑनलाइन अपडेट करने के साथ ही विश्व भर के कला रसिक एक साथ अपने घर या हैंडसेट पर कलाकारी की छवि देख सकते है और उस से प्रभावित होकर कला सवाद भी स्थापित करते है ! जिस से बीकानेर की आधुनिक कला विश्व के हर कोने तक पहुँच रही है और विश्व के प्रमुख कला रसिक अपनी टिप और टिकाये बीकानेर के आधुिक कलाकार तक पहुंचा राहे है ऑनलाइन प्रदर्शनी के जरिये ! कम समय , कम खर्च में अधिक से अधिक प्रदर्शन अधिक से अधिक कला परिचर्चा आधुनिक चित्रकला के सन्दर्भ में आधुनिक चित्रकला के जरिये !
इस बात को मै प्रमाणित करता हूँ , एक मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट होने के तौर पर क्यों की मैं प्रतिदिन इस प्रकार से बीकानेर से आधुनिक कला को पुरे विश्व के कला रसिकों तक पहुंचा रहा हूँ और मेरी ही तरह कुछ और आधुनिक चित्रकार बीकानेर से कला संवाद स्थापित कर रहे है और आधुनिक कला के फलक पर बीकानेर का नाम भी दर्ज करते जारहे है !
दृस्टि कोण से बीकानेर की आधुनिक चित्रकला और आधुनिक चित्रकार कही भी किसी भी पक्ष में पीछे नहीं है ! विपरीत परिस्थिति में भी आधुनिक चित्रकारी करना या उसके लिए जीना एक सच्ची जिद है और कहते है जो जिदी होते है वही जीत ते है …….
आधुनिक चित्रकार
योगेन्द्र कुमार पुरोहित
मास्टर ऑफ़ फाइन आर्ट
बीकानेर , इंडिया
My art speech was
proved to my art education , dedication,
promotion and modern creation too from Bikaner .
So I said a speech on Modern art of Bikaner ..
Yogendra kumar purohit
Master of Fine Art
Bikaner, INDIA
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